किसानों के आंदोलन से इंडस्ट्री बेहाल, 10 हजार करोड़ रुपए का भुगतान रुका

punjabkesari.in Monday, Oct 19, 2020 - 08:50 PM (IST)

जालंधर (नरेश कुमार): केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब में किसानों द्वारा किए गए चक्का जाम से पंजाब का निर्यात ठप हो गया है। लुधियाना और जालंधर के निर्यातकों का करीब 80 हजार टन तैयार माल पंजाब में ही फंस गया है और इससे निर्यातकों का करीब 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान रुक गया है और निर्यातकों को शक है कि अगर जल्द ही इस समस्या का हल नहीं निकाला गया तो निर्यातकों के साथ-साथ इनकी फैक्ट्रियों में काम करने वाले वर्करों की दीवाली भी कहीं काली ना हो क्योंकि तैयार माल विदेशी ग्राहकों तक ना पहुंचने की हालत में ना सिर्फ भुगतान प्रभावित होगा बल्कि भविष्य के कंट्रेक्ट पर भी खतरा होगा।

कोरोना से इंडस्ट्री की कमर टूटी, अब रोजगार पर पड़ सकता है असरः कामना अग्रवाल
इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के क्षेत्रीय अध्यक्ष कामना राज अग्रवाल ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पंजाब में अलग-अलग औद्योगिक संगठनों ने पंजाब और केंद्र सरकार के सामने अपनी यह समस्या पहुंचाई है और सरकार को इस गंभीर स्थिति की पूरी जानकारी है। उन्होंने कहा कि हम किसानों की समस्या को समझते हैं लेकिन इंडस्ट्री की भी अपनी समस्या है और अगर इंडस्ट्री रुकी तो इसका सीधा असर रोजगार पर पड़ेगा। हरियाणा में राज्य सरकार रात के वक्त रेल की मूवमेंट करवाकर कंटेनर निकलवाने का काम कर रही है और यह रास्ता पंजाब में भी अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते पहले ही इंडस्ट्री की कमर टूटी हुई थी और अभी तक इंडस्ट्री इस संकट से उभर नहीं पाई है कि अब यह नया संकट इंडस्ट्री के सामने खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में अपने प्रदेशों में गए इंडस्ट्री के सभी मजदूर अभी भी वापिस नहीं आए हैं और किसान भी इस बात को जानते हैं और उनको भी आगे फसल की कटाई के लिए मजदूरों की जरुरत है और मजदूरों के लिए रेल ही सस्ता माध्यम है, अगर रेल नहीं चलेगी तो यह मजदूर वापिस नहीं आ सकेंगे, जिससे किसानों को भी नुकसान हो सकता है।


 


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Mohit

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