लापरवाही, 'कोरोना' मरीज की बजाय किसी अन्य महिला को एंबुलेंस में बिठाकर ले गए अस्पताल

punjabkesari.in Sunday, May 03, 2020 - 01:20 PM (IST)

जालंधर(चोपड़ा): गोल्डन ऐवेन्यू में गत शाम साइरन बजाती हुई एंबुलेंस आई और एक घर से निगम की सफाई सेविका रंजीत कौर को कोरोना पॉजिटिव बता कर सिविल अस्पताल ले जाती है लेकिन 2 घंटे बाद स्वास्थ्य विभाग को अपनी गलती का एहसास हुआ कि वह फिल्लौर की पॉजिटिव मरीज रंजीत कौर की जगह गोल्डन ऐवेन्यू की रंजीत कौर को अस्पताल ले गए हैं, जिसकी बीते दिनों कोरोना टैस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव बताई गई थी। इसके बाद जल्दबाजी में स्वास्थ्य विभाग ने उक्त रंजीत कौर को एंबुलेंस में बिठाकर देर शाम उसके घर छोड़ दिया।

इस दौरान, गोल्डन एवेन्यू के निवासियों में डर का माहौल था। बड़ी संख्या में पुलिस टीम ने एंबुलेंस के साथ मौके पर पहुंच कर इलाके को सील कर दिया, जिस कारण लोग बुरी सहमे यह सोच रहे थे कि उनकी कालोनी में भी कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है। परन्तु जैसे ही एंबुलेंस रंजीत कौर को वापस लेकर आई तो लोगों की जान में जान आई। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण रोते हुए रंजीत कौर ने बताया कि पिछले दिनों नगर निगम के कर्मचारियों का कोरोना टैस्ट हुआ था। कल शाम सेहत विभाग के कर्मचारियों ने उसे बुलाया और बताया कि उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। हम आपको लेने के लिए आ रहे हैं, इसलिए घर से बाहर न निकलें। उसने बताया कि फोन सुनते ही वह, उसके पति निर्मल सिंह और बेटी के हाथ-पांव फूल गए। वह लोग इतने डरे हुए थे कि किसी ने उन पर पहाड़ ही फैंक दिया था।

एंबुलैंस में साथ 3 और कोरोना पॉजिटिव मरीजों को बिठाया
रंजीत कौर ने बताया कि उसे एंबुलैंस में पहले रामामंडी क्षेत्र में ले जाया गया जहां से स्वास्थ्य विभाग ने उसके साथ कोरोना पॉजिटिव 3 मरीजों को साथ बिठाया। इसके बाद वह अस्पताल पहुंच गए। वहां पहले उसे एक कमरे में अकेला बैठना पड़ा। तकरीबन 1 घंटे बाद उसे फोन करके पूछा गया कि वह कहां है, जिसके बाद उसे करीब 10 डॉक्टरों और मैडीकल स्टाफ के सामने लाया गया। वहां उसे पूछताछ कर बताया गया कि आपकी रिपोर्ट नेगेटिव है, इसलिए आपको एंबुलेंस घर छोड़ आएगी। आप अपने घर में 14 दिन तक क्वारंटाइन रहो। इसके बाद उसे वापस छोड़ने के बाद घर के बाहर क्वारंटाइन का स्टीकर लगा दिया गया।

अब हर कोई शक की नजर से देखता है
भले ही रंजीत कौर एंबुलैंस घर छोड़ गई है लेकिन कल से हरेक व्यक्ति उसे शक की निगाह से देख रहा है। स्वास्थ्य विभाग की गलती की वजह से उनका परिवार मानसिक तौर पर परेशान है। अब मालूम नहीं कितना समय उन्हें स्वास्थ्य विभाग की गलती का खामियाजा भुगतने को मजबूर होना पड़ेगा।

प्रशासन की नालायकी से लोगों में दहशत: औजला
गोलडन ऐवेन्यू फेस-2 वैलफेयर सोसायटी के प्रधान सौदागर सिंह औजला ने बताया कि प्रशासन की नालायकी के कारण कालोनी और आस-पास के इलाकों में दहशत का माहौल है। उन्होंने बताया कि रंजीत अनपढ़ है लेकिन उसके परिवार ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए स्वास्थ्य विभाग का पूरा सहयोग किया। उन्होंने कहा कि प्रशासन कोरोना वायरस से निपटने में कितनी लापरवाही इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने डिप्टी कमिश्नर वरिंदर कुमार शर्मा से मांग की कि इस घटना के लिए जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए जिससे भविष्य में ऐसी घटना न घट सके। इस मौके बलविंदर सिंह सैनी, तरलोक सिंह मांगट, कपूर और अन्य भी उपस्थित थे।

मिलते-जुलके पते से महिला को लेने पहुंची थी स्वास्थ्य विभाग की टीम
स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस गोल्ड ऐवेन्यू फेस-2 की उस कोठी जहां रंजीत कौर किराए पर परिवार के साथ रहती है की बजाय अर्बन एस्टेट फेस-2 की उक्त नंबर वाली कोठी में पहुंच गई। कोठी में रहते लोगों ने बताया कि उन्होंने कोई कोरोना टैस्ट नहीं करवाया है, जिसके बाद ऐडरैस चैक करवाया तो स्वास्थ्य विभाग को दोनों में अंतर का पता चला और वह वापस रंजीत कौर के घर पहुंचे।

पिछले दिनों पॉजिटिव मरीजों को भी गलती से छुट्टी दे कर भेज दिया था घर
जालंधर के स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है, विभाग ने कुछ दिन पहले सिविल अस्पताल में दाखिल 2 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव बताकर अस्पताल से छुट्टी दे कर घर भेज दिया था परन्तु 4 घंटों बाद विभाग ने दोनों युवकों को बताया कि उनकी रिपोर्ट नेगेटिव नहीं पॉजिटिव आई है। विभाग को गलती लगी है, जिस कारण वह तुरंत अस्पताल वापस आ जाएं। इस घटना से पीड़ित युवक और इलाके के निवासी अभी भी सदमे में हैं, जो कोरोना वायरस से लड़ाई जीतने के बाद वापसी पर उनका स्वागत करने में लगे हुए थे।

Edited By

Sunita sarangal