अंतर्राष्ट्रीय आयोग ने किया सोलर लिफ्ट इरीगेशन प्रोजैक्ट का दौरा

punjabkesari.in Thursday, Jan 10, 2019 - 11:37 AM (IST)

होशियारपुर(जैन): अंतर्राष्ट्रीय सिंचाई व ड्रेनेज आयोग की टीम की ओर से गांव जुगियाल में बने सोलर पावर कम्यूनिटी माइक्रो इरीगेशन प्रोजैक्ट का दौरा किया गया। टीम में फूड व एग्रीकल्चर संगठन (एफ.ए.ओ.) उत्तर व पूर्वी अफ्रीका के हैड मोहम्मद अलहामदी, कृषि मंत्रालय ट्यूनिशिया से गबरूज रिधिया, सिंचाई मंत्रालय इजीप्ट से डा. अयमैन इब्राहिम, अंतर्राष्ट्रीय सिंचाई व ड्रेनेज आयोग दिल्ली सैंटर से डा. सहदेव सिंह, डा. टी.बी.एस. राजपूत व डा. प्राची शर्मा शामिल थे। 

इस उच्च स्तरीय टीम की ओर से कंडी इलाके में होने वाली फसलों व प्रोजैक्ट से होने वाले फायदे संबंधी जानकारी हासिल की गई। उन्होंने जहां इलाके के किसानों से बातचीत की, वहीं भूमि व जल संभाल विभाग की ओर से बनाई गए नर्सरी व प्रदर्शनी प्लाट का दौरा भी किया। टीम हैड मोहम्मद अलहामदी ने प्रोजैक्ट सुचारू ढंग से चलाने की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह प्रोजैक्ट आने वाले समय में कृषि विभिन्नता के नमूने के तौर पर उच्च स्तर पर जाना जाएगा। मंडल भूमि रक्षा अधिकारी नरेश कुमार गुप्ता के नेतृत्व में जिले के भूमि व जल संभाल विभाग की ओर से उप-मंडल अधिकारी केशव कुमार, राजीव कुमार व जैन इरीगेशन सिस्टम के इंजीनियर सुखदीप दुग्गल ने टीम को प्रोजैक्ट संबंधी जानकारी मुहैया करवाई। इस मौके पर दलजीत सिंह, अजय पाल, गुरबख्श सिंह, सतपाल सिंह, सरला देवी व ऊषा देवी के अलावा अन्य किसान भी मौजूद थे। 

उधर इस प्रोजैक्ट संबंधी डी.सी. ईशा कालिया ने बताया कि पंजाब सरकार की ओर से बनाए गए सोलर लिफ्ट इरीगेशन प्रोजैक्ट (सोलर पावर्ड कम्यूनिटी लिफ्ट एंड माइक्रो इरीगेशन प्रोजैक्ट) के माध्यम से तलवाड़ा व हाजीपुर इलाके के 14 गांवों के 1200 किसानों की करीब 1700 एकड़ (664 हैक्टेयर) जमीन को सिंचाई के लिए पानी मुहैया करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस प्रोजैक्ट से उक्त  किसानों की ऊंची जमीनों पर ड्रिप व फव्वारा सिंचाई सिस्टम से पानी पहुंचाया जा रहा है, जिससे पानी की भी बचत हो रही है। 

ईशा कालिया ने बताया कि सरकार के इस बेहतरीन प्रयास से किसान पारम्परिक के स्थान पर कृषि के विविधिकरण को उत्साहित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सोलर पैनल के माध्यम से रोजाना 1100 किलोवाट बिजली पैदा की जा सकती है। उन्होंने बताया कि कंडी क्षेत्र के जो किसान पानी की किल्लत के कारण निराश हैं, वे इस प्रोजैक्ट के कारण हल्दी, अदरक, सरसों, बाग, सब्जियां, दालें, गेहूं, मक्क ी व लैमन ग्रास आदि की कृषि करके खुशहाल व उन्नत कृषि की ओर चल पड़े हैं।  उन्होंने बताया कि उक्त कृषि के लिए धान के मुकाबले पानी का बहुत कम उपयोग होता है। 

Vaneet