अब पंजाब में राजाशाही नहीं चलेगी,भाजपा अपने दम पर लड़े चुनाव : मास्टर मोहन लाल

punjabkesari.in Friday, Mar 13, 2020 - 11:47 AM (IST)

फगवाड़ा/जालंधर(जलोटा): पंजाब के पूर्व परिवहन मंत्री मास्टर मोहन लाल ने साफ शब्दों में कहा है कि प्रांत में अब राजाशाही का दौर चलने वाला नहीं है। इसी के साथ उन्होंने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को गठबंधन धर्म पर बारीकी से ध्यान देने की खुले मन से सलाह दी है। पंजाब में ‘आप’ के भविष्य को लेकर उन्होंने कहा कि इसका कोई आधार नहीं है। इसके अतिरिक्त उन्होंने कई अहम राजसी मुद्दों पर लम्बी चर्चा की। पेश हैं उनके साथ हुई अहम बातचीत के मुख्य अंश-

प्र.    पंजाब में कैप्टन सरकार को कितनी रेटिंग देते हैं?
 

उ.    हंसते हुए ‘जीरो’। मैं इसलिए जीरो दे रहा हूं क्योंकि कैप्टन सरकार जनता को खुश करना तो दूर खुद अपने मंत्रियों व विधायकों की इच्छानुसार नहीं चल रही है। पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह से मिलना तो उनके मंत्रियों व विधायकों के लिए भी मुश्किल है, आम जनता की तो बात ही छोडि़ए। पिछले 3 वर्षों में कैप्टन सरकार की कार्यशैली बेहद निराशाजनक रही है। लोगों से झूठे वायदे कर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार आज तक अपना एक भी वायदा पूरा नहीं कर पाई है। पंजाब बर्बाद हो रहा है, राज्य में नशे की बाढ़ है। अपराधियों के हौंसले बुलंदियों पर हैं और आम लोग कैप्टन सरकार को लेकर खून के आंसू रो रहे हैं। 

प्र.    दिल्ली चुनाव के बाद पंजाब में ‘आप’ का क्या भविष्य होगा?
 

उ.    मैं नहीं समझता कि पंजाब में ‘आप’ का वजूद है। इसलिए यह सवाल हाल-फिलहाल इसी तर्क-वितर्क के लिए मुनासिब नहीं है। 

प्र.    गठबंधन को लेकर भाजपा की क्या  सोच है?
 

उ.    मैं समझता हूं कि समय आ गया है कि भारतीय जनता पार्टी पंजाब में अपने दम पर अगला विधानसभा चुनाव लड़े और सभी 117 विधानसभा सीटों पर अच्छे व ताकतवर उम्मीदवार, जिनका जनता के बीच अच्छा रसूख हो, मैदान में उतारे। मेरा व्यक्तिगत दावा है कि भाजपा अपने दम पर अकेले 40 से 50 विधानसभा सीटें जीतेगी। 

प्र.    फिर अकाली-भाजपा गठबंधन का क्या होगा?
 

उ.    हंसते हुए, वर्तमान में जो राजसी परिप्रेक्ष्य शिरोमणि अकाली दल (बादल) में बना हुआ है उसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को बारीकी से मंथन करना चाहिए। बादल को चाहिए कि वह गठबंधन धर्म की अहमियत को समझें और जो भाजपा चाहती है उसके अनुसार राजनीतिक तौर पर कार्य करें। यदि ऐसा नहीं हुआ तो अकाली दल (बादल) के लिए आने वाला समय बेहद चुनौतीपूर्ण होने वाला है, जिसके परिणाम घातक होंगे। 

प्र.    क्या अकाली-बसपा गठबंधन होगा?
 

उ.    कदापि नहीं। यह वैचारिक तौर पर भले ही सुनने में अच्छा लगे लेकिन असली गठबंधन तो भाजपा के साथ ही अर्थ देता दिखाई देता है। पंजाब में अकाली-भाजपा गठबंधन ङ्क्षहदू-सिख एकता का प्रतीक है जिसे पंजाब के लोगों ने दिल से समर्थन दिया है। आगे राजनीति में कब क्या हो जाए यह अपने आप में राज की नीति है। बेहतर यही होगा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल समय रहते राजसी हालात को समझें और भाजपा को बतौर गठबंधन सहयोगी पूर्ण सम्मान दें। 

प्र.    पर भाजपा से गठबंधन सहयोगी खुश नहीं हैं, महाराष्ट्र इसका ज्वलंत उदाहरण बना?
 

उ.    आप बात शिवसेना (बाल ठाकरे) की कर रहे हो तो नि:संदेह भाजपा के लिए भी यह गम्भीर मंथन का समय है। मैं समझता हूं कि भाजपा को भी अपने गठबंधन सहयोगियों को पूरा सम्मान देना चाहिए। आखिर यही तो गठबंधन धर्म है जिसकी बात मैं कर रहा हूं और जिसे पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पूरा करके दिखाया था। 

प्र.    परंतु लोगों का तो भाजपा से मोह भंग होता दिखाई दे रहा है?
 

उ.    ऐसा कदापि नहीं है? देश में मोदी लहर चल रही है। लोग प्रधानमंत्री मोदी को दिल से पसंद करते हैं। 

प्र.    यदि मोदी लहर है तो फिर भाजपा दिल्ली में चुनाव क्यों हारी?
 

उ.    यह मामला बेहद गम्भीर है। नि:संदेह दिल्ली में सन् 1951 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बेहद मजबूत है। इन परिस्थितियों में यदि पार्टी दिल्ली में चुनाव हारी है तो इस पर गहरा मंथन पार्टी हाईकमान द्वारा किया जा रहा है। दिल्ली में राजसी हालात कुछ और थे जिसके कारण पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा। 

प्र.    भाजपा पर आरोप लग रहे हैं कि वह राज्य सरकारों को अस्थिर कर रही है?

उ.    जोर से हंसते हुए, आपका इशारा मध्य प्रदेश में घटे राजसी घटनाक्रम की ओर लग रहा है। मैं बताना चाहूंगा कि पूर्व सांसद व कांग्रेस के सीनियर नेता श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का परिवार सदैव भाजपा के साथ रहा है। श्री सिंधिया का भाजपा में आना संयोग नहीं अपितु पारिवारिक परम्परा की पूर्ति है। 

प्र.    मोदी सरकार को कितनी रेटिंग देते हैं?

उ.    10 में से 10, क्योंकि केन्द्र में एक ऐसी निष्ठावान सरकार कार्य कर रही है जो ‘सबका साथ, सबका विकास’ को आधार बना जनहित में सोच रही है। आलोचनाएं पूर्व में भी होती थीं, आज भी हो रही हैं और आगे भी होंगी लेकिन अहम बात यह है कि हम एक ऐसे युग में प्रवेश कर चुके हैं जहां से अब भारत विश्व शक्ति बन कर उभरेगा।  इसके अतिरिक्त मास्टर मोहन लाल ने कई अन्य विषयों पर बेबाकी से पूछे गए हर सवाल का जवाब दिया। हालांकि देश में लागू हुई नोटबंदी, फिर जी.एस.टी. कर प्रणाली और वर्तमान में देश में बने हुए गम्भीर आॢथक संकट, जिसके चलते आए दिन निजी बैंक बंद हो रहे हैं और लोगों में अपनी जमा पूंजी को लेकर भारी ङ्क्षचता है, इस संबंधी गहराई से पूछे गए अहम सवालों पर पूर्व परिवहन मंत्री मास्टर मोहन लाल बिना कोई राजसी टिप्पणी किए मुस्कुरा दिए, जिससे बिना ज्यादा लिखे अथवा कहे बने हुए हालात की पुष्टि हो जाती है। 

प्र.    देश में बैंक बंद हो रहे हैं, आॢथक मंदी है, व्यापारी परेशान हैं, दंगे हो रहे हैं, इस सब पर मोदी सरकार क्या कर रही है?

उ.    यह जो देश में तंग आर्थिक हालात बने हैं इसका कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आॢथक मोर्चे पर तेजी से घट रहे गम्भीर घटनाक्रम हैं। इसके लिए मोदी सरकार को किसी भी स्तर पर आरोपी ठहराना पूरी तरह गलत व तर्कहीन है। 

 

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