क्या आप पी रहे हैं असली ORS? जानिए इस Report में सब सच

punjabkesari.in Sunday, Oct 19, 2025 - 02:31 PM (IST)

पंजाब डेस्क: गर्मियों में शरीर में पानी की कमी से होने वाली डिहाईड्रेशन से निपटने के लिए कई तरह के चीनी युक्त ड्रिंक्स को रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ओ.आर.एस.) बताकर गलत तरीके से बेचा जाता रहा है, लेकिन अब भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफ.एस.एस.ए.आई.) ने एक आदेश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि कोई भी खाद्य ब्रांड अपने उत्पादों पर 'ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्ट' या 'ओ.आर.एस.' शब्द का इस्तेमाल तब तक नहीं कर सकता जब तक कि उनका फॉर्मूला विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ.) द्वारा अनुशंसित मानकों का कड़ाई से पालन न करता हो।

पुरानी अनुमतियों को रद्द करने के आदेश
हैदराबाद के एक बाल रोग विशेषज्ञ शिवरंजनी संतोष ने बाजारों में बिक रहे ऐसे चीनी युक्त पेय पदार्थों के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी जिसके बाद एक बड़ा नियामक परिवर्तन सामने आया। हाल ही में जारी इस निर्देश में खाद्य व्यवसाय संचालकों (एफ.बी.ओ.) को अपने ब्रांड नामों के साथ 'ओ.आर.एस.' का उपयोग करने के लिए दी गई सभी पूर्व अनुमतियों को तत्काल वापस लेने का आदेश दिया गया है। इसमें विशेष रूप से 14 जुलाई, 2022 और 2 फरवरी, 2024 के दो पूर्व आदेशों को रद्द कर दिया गया है। पूर्व के आदेशों में चीनी युक्त पेय पदार्थों पर खाद्य व्यवसाय संचालकों को ट्रेडमार्क के हिस्से के रूप में 'ओ.आर.एस.' के उपयोग की अनुमति दी गई थी। इसमें एक शर्त यह भी रखी गई थी कि लेबल पर एक अस्वीकरण छपा होना चाहिए था कि "यह उत्पाद डब्ल्यू.एच.ओ. द्वारा अनुशंसित ओ.आर.एस. फॉर्मूला नहीं है।

अधिनियम के कई प्रावधानों का उल्लंघन
एक रिपोर्ट के मुताबिक हालिया 14 अक्टूबर के निर्देश के अगले दिन 15 अक्टूबर को एफ.एस.एस.ए.आई. ने एक विस्तृत स्पष्टीकरण जारी किया जिसमें पुष्टि की गई कि किसी भी फल-आधारित, गैर-कार्बोनेटेड या पीने के लिए तैयार खाद्य उत्पाद के नाम में 'ओ.आर.एस.' का प्रयोग खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 और संबंधित नियमों का उल्लंघन करता है। नियामक ने कहा कि इस तरह की लेबलिंग झूठे, भ्रामक, अस्पष्ट और त्रुटिपूर्ण नामों या लेबल घोषणाओं के माध्यम से उपभोक्ताओं को गुमराह करती है। यह अधिनियम के तहत कई प्रावधानों का उल्लंघन है।

बाल रोग विशेषज्ञ ने दायर की थी तेलंगाना हाईकोर्ट में याचिका
एफ.एस.एस.ए.आई. का यह हस्तक्षेप बाल रोग विशेषज्ञ शिवरंजनी संतोष द्वारा चलाए जा रहे एक निरंतर कानूनी अभियान का परिणाम है, जिन्होंने लगभग एक दशक पहले भ्रामक विपणन प्रथाओं पर सवाल उठाना शुरू किया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में उन्होंने तेलंगाना उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पी.आई.एल.) दायर की। इस याचिका में उन्होंने दावा किया कि बाजार में ओ.आर.एस. के नाम पर इलेक्ट्रोलाइट और ग्लूकोज मानकों को पूरा न करने चीनी युक्त पेय पदार्थ बेचे जा रहे हैं। झूठे तौर पर विज्ञापित पेय पदार्थों की बिक्री को पी.आई.एल. में चुनौती दी गई थी।

व्यक्ति की नहीं बल्कि जनशक्ति की जीत
लंबी लड़ाई के बाद डॉ. शिवरंजनी ने एफ.एस.एस.ए.आई. के आदेश को वर्षों के प्रयास और जन समर्थन का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि आठ साल की लड़ाई में उन्होंने तीन साल जनहित याचिकाए दायर करने में और चार-पांच साल उदासीनता से लड़ने में गुजार दिए। उन्होंने कहा कि यह जीत किसी एक व्यक्ति की नहीं बल्कि जनशक्ति की है, उन सभी डॉक्टरों, अधिवक्ताओं, माताओं और प्रभावशाली लोगों की जो मेरे साथ खड़े रहे। मैं अडिग रही और हम जीत गए।

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुमोदित ओ.आर.एस.
डब्ल्यू.एच.ओ. 245 एम.ओ.एस.एम./एल की कुल ऑस्मोलैरिटी वाला एक मानक ओरल रिहाइड्रेशन घोल निर्धारित करता है। इस मिश्रण में प्रति लीटर पानी में 2.6 ग्राम सोडियम क्लोराइड, 1.5 ग्राम पोटेशियम क्लोराइड, 2.9 ग्राम सोडियम साइट्रेट और 13.5 ग्राम डेक्सट्रोज एनहाइड्रस (चीनी) होता है। इसके विपरीत दवा कंपनियों द्वारा ओ.आर.एस. के रूप में बेचे जाने वाले कई उत्पादों में शर्करा का स्तर काफी अधिक होता है। बताया जाता है कि लगभग 120 ग्राम कुल शर्करा प्रति लीटर में करीब 110 ग्राम अतिरिक्त शर्करा होती है। इनका इलेक्ट्रोलाइट संतुलन भी विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानदंडों के अनुरूप नहीं है, जिसमें प्रति लीटर केवल 1.17 ग्राम सोडियम, 0.79 ग्राम पोटेशियम और 1.47 ग्राम क्लोराइड होना चाहिए।

कुछ स्थितियों में स्वास्थ्य के लिए खतरनाक ओ.आर.एस.
-अत्यधिक मात्रा में ओ.आर.एस. लेने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बिगड़ सकता है, खासकर सोडियम का स्तर बढ़ सकता है, जिससे हाइपरनेट्रेमिया की स्थिति पैदा हो सकती है।
-यदि ओ.आर.एस. पाउडर को सही मात्रा में पानी के साथ नहीं घोला जाता है, तो यह इलेक्ट्रोलाइट्स के स्तर को बिगाड़ सकता है और नमक विषाक्तता का कारण बन सकता है।
- किडनी की बीमारी, हाई ब्लड प्रैशर और हृदय रोग वाले लोगों को ओ.आर.एस. लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि इनमें नमक और चीनी की मात्रा ज़्यादा होती है।
-ज़्यादा समय ओ.आर.एस. का सेवन करने से शरीर में अतिरिक्त नमक और खनिज जमा हो सकते हैं, जिससे मधुमेह या गठिया जैसी कुछ बीमारियां हो सकती हैं।
-अगर कोई व्यक्ति डिहाईड्रेशन में ओ.आर.एस. लेने में असमर्थ है, तो उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए, क्योंकि ऐसे मामलों में नसों के जरिए तरल पदार्थ चढ़ाने की जरूरत पड़ती है।

इस्तेमाल करने से पहले बरतें ये सावधानी
-हमेशा पैकेट पर दिए गए निर्देशों के अनुसार ही ओ.आर.एस. का घोल तैयार करें।
-ओ.आर.एस. का सेवन तभी करें जब आपको वास्तव में दस्त या उल्टी के कारण डिहाईड्रेशन हुआ हो।
-यदि आपको कोई पुरानी बीमारी है, तो ओ.आर.एस. लेने से पहले डॉक्टर से जरूर पूछें।
-केवल विश्वसनीय ब्रांड के ओ.आर.एस. ही खरीदें और सुनिश्चित करें कि वह डब्ल्यू.एच.ओ. के मानकों पर खरा उतरता हो।


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Content Writer

Vatika

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