ड्रोन जरिए रावी क्षेत्र से हथियारों की खेप भेजने की कोशिश में ISI

punjabkesari.in Monday, Dec 07, 2020 - 11:48 AM (IST)

अमृतसर(नीरज): पंजाब में जम्मू-कश्मीर के आतंकियों की घुसपैठ की पुष्टि होने के बाद यह साबित हो चुका है कि पाकिस्तान की खुफिया एजैंसी आई.एस.आई. पंजाब में एक बार फिर से जहां तीसरे हमले की फिराक में है, वहीं धार्मिक कट्टरता की आड़ में पंजाब का माहौल भी खराब करना चाहती है। इसके लिए तरनतारन व फिरोजपुर के साथ अमृतसर जिले का रावी दरिया से सटा सीमावर्ती इलाका भी चुना गया है। इसी इलाके में पाकिस्तानी खुफिया एजैंसी ड्रोन के जरिए हथियारों की बड़ी खेप पहुंचाने का प्रयास कर रही है। दो दिन पहले ही इसी इलाके में बी.एस.एफ. ने पाकिस्तानी ड्रोन देखकर दर्जनों गोलियां भी दागी थी, लेकिन न तो ड्रोन का पता चला और न ही ड्रोन के जरिए फैंकी गई कोई संदिग्ध वस्तु पुलिस या बी.एस.एफ. के हाथ लग सकी, जबकि बी.एस.एफ. व देहाती पुलिस ने मिलकर इसी इलाके में एक बड़ा सर्च ऑपरेशन भी चलाया है।

 इसी इलाके में दो वर्ष पहले राजासांसी के गांव अदलीवाल में बम विस्फोट का मामला भी सामने आ चुका है, जिसमें पाकिस्तान मेड शक्तिशाली हैंड ग्रेनेड का प्रयोग किया गया था और इसी इलाके में 6 फरवरी 2018 के दिन बी.एस.एफ. हथियारों का एक बड़ा जखीरा जब्त किया था, जिसमें 3 ऐ.के.-47 असाल्ट, 6 हैंड ग्रेनेड, 250 जिन्दा कारतूस, 2 पिस्टल व 8 मैगजीन जब्त किए गए थे। इस क्षेत्र में हथियारों का जखीरा पकड़ा गया था, वह अजनाला व गुरदासपुर का एक मिला जुला इलाका है, जहां से बी.एस.एफ. अमृतसर सैक्टर व बी.एस.एफ. गुरदासपुर सैक्टर की सीमा पाकिस्तान के साथ लगती है। बी.एस.एफ. की तरफ से जब्त किए गए खतरनाक हथियार किसी भी सैनिक दस्ते या फिर मुंबई हमले जैसे कांड को दोहराने के लिए पर्याप्त थे, मुंबई हमले में भी आतंकवादी अजमल कसाब व उसके साथियों ने ऐके-47 असाल्ट, हैंड ग्रेनेड व पिस्टल का ही प्रयोग किया था।

कॉमरेड बलविन्द्र सिंह हत्याकांड में भी आतंकी साजिश का ऐंगल
हाल ही में तरनतारन के भिखिविंड इलाके में शौर्य चक्कर विजेता कॉमरेड बलविन्द्र सिंह हत्याकांड में भी आतंकी साजिश का एक ऐंगल भी सुरक्षा एजैंसियों की तरफ से देखा जा रहा है और बलविन्द्र सिंह का परिवार भी आतंकी साजिश की ही बात कह रहा है। इसी इलाके में ड्रोन के जरिए हथियारों की एक बड़ी खेप भी पकड़ी जा चुकी है, जिसकी एन.आई.ए. की तरफ से अभी तक जांच जारी है।

हैरोइन तस्कर नहीं मंगवाते हैं हथियारों की खेप
आमतौर पर भारत-पाकिस्तान से सटी पंजाब के 553 किलोमीटर लंबे बार्डर पर बहुत कम मामले ऐसे सामने आए हैं, जब हैरोइन तस्कर किसी हथियारों का जखीरा मंगवाएं आम तौर पर हैरोइन तस्कर केवल हैरोइन की खेप ही पाकिस्तान से मंगवाते हैं। हां इक्का दुक्का विदेशी पिस्टल जरुर हैरोइन की खेप के साथ लाते पकड़े जा चुके हैं, लेकिन हैंड ग्रेनेड, ऐ.के.-47 व 250 जिन्दा कारतूस पकड़े जाना यह साबित करता था कि हथियारों का यह जखीरा किसी तस्कर ने नहीं, बल्कि आतंकी संगठन ने ही मंगवाया था, जिसको बी.एस.एफ. ने नाकाम कर दिया था, फिलहाल मौजूदा हालात में एक बार फिर से सर्द मौसम शुरू हो चुका है और सीमावर्ती इलाके में धुंध भी पड़ी रही है, जिससे साउंडलैस ड्रोन के जरिए आसानी के साथ हथियारों की खेप फैंकी जा सकती है।  

सबसे बड़ा हैरोइन तस्कर चीता भी हिजबुल को कर रहा था फंडिंग
आई.सी.पी. अटारी बार्डर के रास्ते 532 किलो हैरोइन मंगवाने वाला सबसे बड़ा हैरोइन तस्कर रणजीत सिंह चीता भी हिजबुल मुजाहिदीन को ही करोड़ों रुपयों की फंङ्क्षडग कर रहा था, जिससे यह पता चल रहा है कि तस्करों व आतंकवादियों ने आपस में हाथ मिला रखा है और आतंकी हमलों व तस्करी में एक दूसरे का सहयोग कर रहे हैं।

सैनिक छावनियों व ठिकानों पर लगाई जा चुकी हैं कंटीली तारें
केन्द्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से चेतावनी दिए जाने के बाद बी.एस.एफ. के साथ-साथ सेना भी पूरी तरह से अलर्ट है हाल ही में बी.एस.एफ. की तरफ से पंजाब की संवेदनशील बी.ओ.पीज पर नफरी को बढ़ाया गया है और कई अतिरिक्त बटालियनें तैनात की गई है। कोरोना काल में पाकिस्तानी समझौता एक्सप्रैस, मालगाड़ी व जम्मू-कश्मीर का बार्टर ट्रेड बंद होने के बाद जमीनी रास्ते से हैरोइन की तस्करी भी दोगुना से ज्यादा हुई है। सैनिक छावनियों व सैनिक ठिकानों के चारो तरफ भी सेना की तरफ से जब्रदस्त सुरक्षा चक्र बनाया गया है। सैनिक ठिकानों के आस-पास ऊची-ऊंची कंटीली तारें व सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाए गए हैं, जिनको आतंकवादी आसानी से भेद नहीं सकते हैं। पठानकोट एयरबेस पर हमला होने के बाद सैनिक ठिकानों के अलावा पुलिस थानों तक में रात-दिन संतरियों को तैनात किया जा रहा है। इसके अलावा शहर के मुख्य चौराहों पर मोर्चाबंदी भी की गई है, ताकि किसी भी प्रकार के हमले से निपटा जा सके।

पाकिस्तान में डेरा जमाए बैठे हैं कट्टरपंथी खालिस्तानी संगठन
राजासांसी के अदलीवाल बम ब्लास्ट कांड में हालांकि सुरक्षा एजैंसियों की तरफ से इस बात की पुष्टि नहीं की गई है कि निरंकारी सत्संग भवन में हमला किस संगठन ने किया है। सत्संग भवन के गेटकीपर की तरफ से बताया गया था कि हमला करने वाले युवकों ने दस्तार सजाई हुई थी, लेकिन इसका अर्थ यह भी नहीं है कि यह हमला किसी कट्टरपंथी खालिस्तानी समर्थक दल की तरफ से किया गया है। सुरक्षा एजैंसियां अभी तक इस मामले की जांच में जुटी हुई है, लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि निरंकारी समाज व कट्टरपंथी सिख संगठनों की आपसी खींचतान काफी पुराने समय से चली आ रही है। भारत में खालिस्तान का समर्थन करने वाले कट्टरपंथियों को आज भी पाकिस्तान सरकार की तरफ से शरण दी हुई है, जिसमें गोपाल सिंह चावला एक बड़ा नाम है।

हिन्दू नेता विपन शर्मा की हत्या करते समय भी गैंगस्टरों ने धारण किया था सिख वेश
हिन्दू नेता विपन शर्मा की हत्या करते समय भी गैंगस्टरों ने जानबूझकर सिख वेश धारण किया था, ताकि पुलिस जांच को भटकाया जा सके और हिन्दू सिख एकता को भंग किया जा सके। विपन शर्मा की हत्या ऐसे लगे जैसे किसी कट्टरपंथी सिख संगठन की तरफ से की गई है, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी के चलते गैंगस्टर सारज सिंह मिंटू, गैंगस्टर शुभम का नाम सामने आया जो पुलिस की जांच को भटकाने का प्रयास कर रहे थे, क्योंकि उस समय आर.एस.एस. नेताओं की हत्या किए जाने के कई मामले हुए थे और पुलिस भी कट्टरपंथी खालिस्तानी समर्थकों के ऐंगल की जांच कर रही थी।


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