पंजाब के हालात खराब कर सकता है ISI,300 आतंकवादी भारत में प्रवेश की फिराक में

punjabkesari.in Thursday, May 10, 2018 - 01:37 PM (IST)

गुरदासपुर (विनोद): पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में ट्रेनिंग प्राप्त कर चुके लगभग 300 आतंकवादी इस समय सीमा पर पाकिस्तानी सेना के साथ रहकर भारत में प्रवेश कर माहौल खराब करने की फिराक में हैं। भारतीय सीमा पर भारतीय सेना की सख्ती के चलते इन आतंकवादियों की भारत में प्रवेश करने की हिम्मत नहीं हो रही है जबकि पाकिस्तान की गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई व सैना इन सभी को जल्द से जल्द भारत में प्रवेश कर जाने के लिए दवाब डाल रही है। भारतीय सीमा में प्रवेश करने वालों में कुछ खालीस्तानी विचारधारा के लोग भी शामिल।
     
भारतीय गुप्तचर एजैंसियों के अनुसार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पाकिस्तान की गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई.की मदद व देख-रेख में लगभग 20 ट्रेनिंग कैम्प चल रहे हैं जिनमें लगभग 1000 आतंकवादी आधुनिक शस्त्रों की ट्रेनिंग के साथ-साथ गुरिल्ला युद्ध की ट्रेनिंग भी प्राप्त कर रहे हैं। इससे पहले बैच के लगभग 300 आतंकवादियों ने ट्रेनिंग प्राप्त की थी। 

 

सूत्रों के अनुसार अब ये सभी आतंकवादी अपनी ट्रेनिंग पूरी कर पाकिस्तानी सैना के साथ ठहरे हुए हैं तथा इस कोशिश में हैं कि वह सही समय मिलते ही भारत में प्रवेश कर जाएं। सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान सेना का एक अधिकारी प्रतिदिन ट्रेनिंग देने के साथ-साथ व्यायाम आदि भी करवा रहा है। भारतीय कश्मीर के किस रास्ते से यह आतंकवादी भारत में प्रवेश करेंगे इस संबंधी भारतीय सुरक्षा बलों को सही जानकारी नही हैं परंतु इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि ये आतंकवादी मई माह में भारत में प्रवेश करने की हर सम्भव कोशिश करेंगे। 

 

पाकिस्तान इस समय अपने देश में फैली अस्थितरता तथा लाडेन की पाकिस्तान में हुई मौत के कारण अमरीकी दवाब के चलते इन आतंकवादियों का जल्द से जल्द भारत भेज देना चाहता है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चल रहे आतंकवादी ट्रेनिंग कैम्पों में ट्रेनिंग ले रहे आतंकवादियों में यह प्रचार किया जा रहा है कि पाकिस्तान में जितने भी विस्फोट हो रहे हैं वह सभी भारत की रॉ करवा रही है। पाकिस्तान में फैले आतंकवाद के लिए सीधे रूप में भारत दोषी है। सीमा पर भारत में प्रवेश करने के लिए तैयार बैठे आतंकवादियों को भी यही कहा जा रहा है कि भारत द्वारा पाकिस्तान में फैलाए आतंकवाद का जवाब हमें भारत में जाकर ही देना है। इस लोगों द्वारा खालीस्तान की मांग को भी पुना जोर से उठाने की ट्रेनिंग दी गई है।
      

 

 सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर मे जो आतंकवादी ट्रेनिंग कैम्प चल रहे हैं उनमें पाकिस्तान सहित कुछ अन्य मुस्लिम देशों के नौजवान सहित कनाडा व जर्मनी के सिख नौजवान शामिल हैं।  सूत्र बताते हैं कि पाकिस्तान कब्जे वाले कश्मीर के शहर मुजफ्फराबाद में जो ट्रेनिंग कैम्प चल रहा है वह 10 प्रमुख मुस्लिम आतंकवादी संगठनों का संयुक्त ट्रेनिंग कैम्प है तथा इन संगठनों के इस गुप्र को यूनाईटिड जेहादी कौंसिल का नाम दिया गया है। इन में बब्बर खालसा के आंतकवादी भी शामिल है। आई.एस.आई.द्वारा जिन 10 आतंकवादी संगठनों को इक्क्ठा करने में सफलता मिली है उन्हे नई भर्ती न मिलने के कारण कैम्पों में नौजवानों की कम हो रही संख्या को बढ़ाने के लिए एक नई योजना तैयार की है। 

 

इस योजना अधीन ग्रामीण क्षेत्रों के नौजवानों की भावनाओं को भड़का कर तथा उन्हें कई प्रकार के प्रलोभन देकर लाया जाता है। जहां पर लश्कर-उद-दावा नाम के धार्मिक ट्रेनिंग कैम्प में इन नौजवानों को रखा जाता है। सूत्रों के अनुसार इन नौजवानों को एक माह रखा जाता है तथा कैम्प में उनकी धार्मिक भावनाए भड़काने हेतू विभिन्न धार्मिक नेताओं को आमंत्रित किया जाता है। यहां पर इन नौजवानों को वीडियो के माध्यम से कश्मीर,अफगानिस्तान सहित अन्य अन्य देशों में मुसलमानों पर होने वाले अत्याचार की झूठी तैयार की गई फिल्में दिखाई जाती है। एक माह के बाद जो नौजवान आई.एस.आई.की जरूरत अनुसार खरे उतरते हैं या जिनमें इस्लाम के लिए मानव बम बनने तक का जज्बा पाया जाता है उन्हें मुजफ्फराबाद में यूनाईटिड जेहाद कौंसिल द्वारा चलाए जा रहे ट्रेनिंग कैम्प में रखा जाता है।
 

मुजफ्फराबाद का ट्रेनिंग कैम्प जो पूरी तरह से पाकिस्तानी सैना के नियन्त्रण में हैं। इस कैम्प में ट्रेंनिंग की अवधि 3 माह की है और इस ट्रेनिंग में हर तरह की ट्रेनिंग का काम पाकिस्तानी सैनिक अधिकारियों के हाथों में सौंपा गया है। इस कैम्प में कम्पयूटर के माध्यम से सारा अभियान चलाने की ट्रेनिंग भी दी जाती है जबकि मुख्य लक्ष्य इस्लाम के लिए कुर्बान होने के लिए कई तरह के प्रलोभन का सहारा लिया जाता है। इस ट्रेनिंग कैम्प में ट्रेनिंग पूरी करने पर नौजवानों को घर जाने की इजाजत नहीं होती और सीधे किसी न किसी मिश्न पर भेज दिया जाता है। अधिकतर नौजवानों को भारत में भेजने के लिए तैयार किया जाता है।
              
        


 

Sonia Goswami