सिख दंगों के मुद्दे पर सदन में हंगामा, अकाली दल ने किया वॉकआउट

punjabkesari.in Monday, Aug 27, 2018 - 09:37 PM (IST)

चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा में सिख दंगों के मुद्दे पर हंगामा तथा नारेबाजी हुई जिससे सदन की कार्यवाही में व्यवधान पड़ा और अकाली दल ने दो बार वॉकआउट किया। अकाली दल के सदस्य सदन की बैठक शुरू होते ही अपने हाथों में पोस्टर लहराते हुए अंदर दाखिल हुए और शून्यकाल में भाग लिया। शून्यकाल समाप्त होते ही वे खड़े हो गए तथा सिख दंगों का मामला उठाने लगे। उनका आरोप था कि कांग्रेस के जो सदस्य दंगों में शामिल थे तो उन्हें कांग्रेस ने पद तथा टिकट क्यों दिए गए। इसका वे मुख्यमंत्री से जवाब मांग रहे थे। 

सदन के नेता कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि 1984 के दंगों से कांग्रेस को कोई ताल्लुक नहीं। कुछ कांग्रेसी नेताओं की दंगों में संलिप्तता केवल व्यक्तिगत तौर पर हो सकती है । इस मुद्दे पर अकाली सदस्य बिक्रम सिंह मजीठिया के बयान पर प्रतिक्रिया जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जब दंगे हुए थे तो वह बहुत छोटे थे। मजीठिया ने 1984 के दंगों के बारे में हाल में दिए गए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान का मामला उठाए जाने पर कैप्टन सिंह ने कहा कि अकाली नेता बात का बतंगड़ बना रहे हैं। बाद में कैप्टन सिंह ने पत्रकारों से कहा कि दंगे के समय मजीठिया आठ वर्ष के थे। अकाली दल दंगा प्रभावित लोगों की भावनाओं को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। 

सिख दंगों के मुद्दे पर अकाली तथा भाजपा सदस्यों के बीच तीखी नोक-झोंक हुई और अकाली-भाजपा सदस्य आसन के समीप जाकर नारेबाजी करते रहे जिससे कुछ भी सुनाई नहीं दिया। बाद में वे वाकआउट कर गए। थोडी देर बाद उन्होंने कार्यवाही में भाग लिया। सिख दंगों के प्रभावितों की पैरवी कर रहे फूलका ने कांग्रेस की भूमिका से इंकार किए जाने पर गुस्से में आकर आसन के समीप नारेबाजी की। मोहिंद्रा ने उन्हें शांत करने की कोशिश की तब जाकर वे अपनी सीट पर गए। इससे पहले आम आदमी पार्टी के असंतुष्ट गुट और लोक इंसाफ पार्टी के दो सदस्यों ने पंजाब की नदियों के पानी के मुआवजे की मांग को लेकर आसन के बीचों-बीच जाकर नारेबाजी की और वाकआउट किया। 

Vaneet