आतंकवादियों का पाकिस्तान से भारत में घुसना हुआ अब और भी आसान

punjabkesari.in Monday, Mar 26, 2018 - 07:32 AM (IST)

फिरोजपुर (कुमार): हरिके हैड वक्र्स के गेटों की मुरम्मत होने के बाद और पीछे से कम आ रहे पानी के कारण फिरोजपुर के एरिया में चलता सतलुज दरिया सूख गया है। पानी के खत्म होने से दरिया की हजारों मछलियां व अन्य जीव-जंतु तड़प-तड़प कर मर गए हैं। कोई समय होता था जब फिरोजपुर तक आते इस सतलुज दरिया में ब्यास और सतलुज का पानी आता था और नीले रंग, साफ-सुथरे इस पानी को देखकर लोग खुश होते थे और यहां प्रवासी पक्षी आते थे और मरगाबियां, मछलियां व अन्य कई तरह के जीव-जंतु हुआ करते थे। दरिया का पानी सूखने के बाद सैंकड़ों एकड़ इस दरियाई जमीन पर लोग हल व ट्रैक्टर चलाकर इस जमीन को उपजाऊ बनाने में जुट गए हैं और दरियाई जमीन पर अवैध कब्जे किए जा रहे हैं तथा कब्जा करने वाले लोग जमीन में उगे पौधों व घास-फूस को आग लगा रहे हैं।

पाकिस्तान के बॉर्डर के साथ लगते इस एरिया से पाक आतंकवादी और स्मगलर अब आसानी से भारत में प्रवेश कर सकते हैं। सतलुज दरिया भारत-पाक बॉर्डर के साथ लगता है और जब दरिया में पानी था तब बी.एस.एफ. मोटर बोट्स के माध्यम से दरिया में पैट्रोङ्क्षलग करते देश की सुरक्षा करती थी, मगर अब पानी सूखने से सरहदों की सुरक्षा करने में जवानों को भी मुश्किल पेश आती है। देश की अलग-अलग एजैंसियों व दरिया के साथ लगते सीमावर्ती गांवों के लोगों का मानना है कि दरिया का पानी सूखने के बाद पाकिस्तान से आतंकवादी व स्मगलर पैदा हुए घास व पौधों का फायदा उठाकर भारतीय सीमा में प्रवेश कर सकते हैं।

अवैध कब्जों को रोकने के लिए पंजाब सरकार और जिला फिरोजपुर प्रशासन गंभीर होना चाहिए: अवतार सिंह पूर्व सरपंच
सतलुज दरिया के साथ लगते सीमावर्ती गांव दुलचीके के पूर्व सरपंच अवतार सिंह ने बताया कि कोई समय था जब फिरोजपुर में सतलुज दरिया का पानी साफ होता था और दरिया में पानी भरा रहता था और पानी बने बांधों के साथ टकराता रहता था तथा यही पानी नहरों में छोड़ दिया जाता था, मगर अब दरिया भी सूख गया है तथा नहरें भी सूखी पड़ी हैं, जिस कारण लोगों में हा-हाकार मची हुई है।   उन्होंने कहा कि 1971 की भारत-पाक जंग के समय हुसैनीवाला बॉर्डर पर पुल तोड़ दिया गया था और दरिया में पानी होने के कारण दिल्ली तक कब्जा करने की नीयत से चली पाक सेना को पानी से वापस लौटना पड़ा था। अवतार सिंह पूर्व सरपंच ने कहा कि अगर दरियाई जमीन पर लोगों की तरफ से अवैध कब्जा कर लिया गया है तो किसानों की फसल बर्बाद हो जाएगी और देश की सुरक्षा भारी खतरे में पड़ जाएगी। 

करीब 2 हजार लोग यहां मछलियों को आटा डालने आया करते थे
पीर ख्वाजा अली संसार सागर की दरगाह पर आए हन्नी चोपड़ा, देस राज और सुखविन्द्र आदि ने बताया कि सतलुज दरिया जब पानी से भरा होता था तब यहां रोजाना करीब 2 हजार लोग मछलियों को आटा डालने के लिए आते थे, मगर आज यहां न पानी है और न ही मछलियां हैं। उन्होंने कहा कि पानी खत्म होने के बाद दरिया के किनारे पर गंदगी जमा हो गई है, जिस कारण सारा क्षेत्र बदबू से भरा पड़ा है और पानी में चलने वाली किश्तियां गंदगी से भरी पड़ी हैं और आस-पास के लोग इस गंदगी में से कीमती सामान व पैसे आदि निकालने के लिए हाथ मारते रहते हैं। 

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