जालंधर और कपूरथला जेल के कैदी भी हासिल कर सकेंगे उच्च शिक्षा

punjabkesari.in Monday, Mar 19, 2018 - 10:22 AM (IST)

कपूरथला (भूषण): केंद्रीय जेल कपूरथला और जालंधर में सजा काट रहे कैदी भी अब शिक्षित हो सकेंगे। शिक्षा से वंचित इन कैदियों को इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी (इग्रू) की मदद से अपनी पढ़ाई पूरी करने का मौका मिलेगा। इस संबंध में देश भर में 32 लाख छात्रों से जुड़ी इग्रू ने केंद्रीय जेल परिसर में कैदियों के लिए विशेष कक्षाएं शुरू करने के लिए योजना को अमलीजामा पहना दिया है। इससे अब कैदी स्नातक तक की पढ़ाई जेल के अंदर रहकर ही पूरी कर सकेंगे। 

इग्रू ने केंद्रीय जेल जालंधर और कपूरथला से किया करार
32 वर्षों से दूरदराज क्षेत्रों तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत काम करते हुए इग्रू जहां देश के विशेष वांछित पिछड़े तथा गरीब लोगों को शिक्षा मुहैया करवा रही है, वहीं अब देश की कई प्रमुख जेलों में सजा काट रहे कैदियों तक शिक्षा पहुंचाने का सिलसिला तेज कर दिया है। इस संबंध में इंग्रू के सहायक क्षेत्रीय निदेशक कमलेश नीना ने अपनी टीम के साथ केंद्रीय जेल जालंधर और कपूरथला का दौरा कर जेल परिसर में बी.पी.पी. तथा बी.ए. के कोर्स जुलाई 2018 से शुरू करने की घोषणा की। इस संबंध में सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं।

प्रदेश में पहले ही केंद्रीय जेल लुधियाना, अमृतसर तथा बरनाला में विशेष अध्ययन केंद्र शुरू करने वाले इग्रू के पास केंद्रीय जेल कपूरथला और जालंधर से 135 आवेदन पहुंचे हैं। इग्रू द्वारा केंद्रीय जेल में अपना अध्ययन केंद्र शुरू करने से करीब 3 हजार कैदियों व हवालातियों को फायदा होगा। इस शिक्षा प्रोग्राम का उन कैदियों को भी लाभ मिलेगा, जो किन्हीं कारणों से 10वीं व 12वीं की परीक्षा पास नहीं कर पाए हैं। 

जेल प्रशासन ने तैयार किया पढ़ाई के लिए विशेष स्थान
इस वर्ष जुलाई में इग्रू द्वारा केंद्रीय जेल में अध्य्यन केंद्र शुरू करने से पहले ही केंद्रीय जेल कपूरथला और जालंधर के परिसर में जेल सुपरिंटैंडैंट एस.पी. खन्ना के प्रयासों से उन कैदियों को बुलाने का सिलसिला शुरू कर दिया है, जो कुछ कारणों से या तो पढ़ नहीं पाए या फिर उन्होंने काफी कम कक्षा तक पढ़ाई की है। इस संबंध में जेल प्रशासन ने कुछ अध्यापकों की नियुक्ति कर उनको पढ़ाने के लिए विशेष स्थान भी तैयार कर दिया है, जहां बड़ी संख्या में कैदियों ने अभी से ही शिक्षा लेनी शुरू कर दी है।

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