राहुल के दरबार में पहुंची के.पी. की नाराजगी, जालंधर लोकसभा सीट की टिकट होगी रिव्यू!

punjabkesari.in Sunday, Apr 07, 2019 - 10:09 AM (IST)

जालंधर(चोपड़ा): जालंधर लोकसभा हलके में टिकट आबंटन को लेकर कांग्रेस में उठा बवाल ऑल इंडिया कांग्रेस के प्रधान राहुल गांधी के दरबार में पहुंच गया है। उन्होंने ऑल इंडिया कांग्रेस के महासचिव के.सी. वेणुगोपाल से इस मामले की सारी रिपोर्ट तलब कर ली है। कांग्रेस आलाकमान के सूत्रों  अनुसार के.पी. की नाराजगी के मामले ने जिस प्रकार जोर पकड़ा है, उससे कांग्रेस गलियारों में खासी खलबली मच गई है। चंद सप्ताह पहले कांग्रेस जोर-शोर से पंजाब में मिशन-13 को पूरा करने का दावा करती नजर आ रही थी, परंतु टिकट बंटवारे के बाद पार्टी में उठे बगावती सुरों ने कांग्रेस का सारा गणित बिगाड़ दिया है। 

पंजाब स्क्रीनिंग कमेटी ने भेजा था सिंगल नामों का पैनल

मोहिन्द्र के.पी. जैसे दोआबा के दिग्गज दलित नेता के पार्टी पर सरेआम उनका राजनीतिक कत्ल करने के बयान ने तो राहुल खेमे को सतर्क कर दिया है कि कहीं नैशनल स्क्रीनिंग कमेटी ने टिकट फाइनल करने में कोई गलती तो नहीं कर दी है। पंजाब स्क्रीनिंग कमेटी ने पंजाब से संबंधित चारों सिटिंग सांसदों को टिकट देने की वकालत करते हुए उनके सिंगल नामों का पैनल ही नैशनल स्क्रीनिंग कमेटी को भेजा था। 

कार्यकर्ताओं से बनी रही चौधरी की दूरियां

जालंधर हलके से करवाए गए सभी सर्वे, रिपोर्टें भी सांसद चौधरी के खिलाफ जा रही थीं, वहीं 5 सालों के कार्यकाल में कार्यकर्ताओं से बनी रही उनकी दूरी से व्याप्त रोष भी उनकी दावेदारी के खासा आड़े आ रहा था। ऊपर से एक निजी चैनल द्वारा किए स्टिंग का मामला भी देशव्यापी सुर्खियां बन गया। इसके बावजूद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह व प्रदेश कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ व प्रदेश प्रभारी आशा कुमारी द्वारा संतोख चौधरी के सिंगल नाम का पैनल भेजने ने भी अब कई सवाल खड़े कर दिए हैं। 

अकाली दल डाल रहा है के.पी. पर डोरे

कांग्रेस आलाकमान के पास के.पी. के आजाद लड़ने अथवा अकाली दल द्वारा उन पर डोरे डालकर चुनाव लड़वाने का मामला पहुंच चुका है। कांग्रेस नेतृत्व को भली-भांति ज्ञात हो चुका है कि अगर के.पी. ने कोई पार्टी विरोधी स्टैंड उठा लिया तो जालंधर लोकसभा हलके से संतोख चौधरी की जीत की डगर आसान नहीं होगी। इसके अलावा के.पी. फैक्टर का असर आसपास की सीटों पर भी पड़ना लाजिमी माना जा रहा है, जिसके चलते हाईकमान अब जालंधर की टिकट को रिव्यू करने जा रही है। अब देखना होगा कि पार्टी के पास पहुंची मौजूदा स्थिति के बाद जालंधर लोकसभा हलके की टिकट पर कौन-से नए समीकरण सामने आते हैं।

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