रिटायरिंग रूम में महिला के साथ घंटों बिता रहा अधिकारी,लोगों में हो रही चर्चा
punjabkesari.in Saturday, May 05, 2018 - 01:28 PM (IST)
जालंधर (अमित): जिले के एक अधिकारी द्वारा अपने रिटायरिंग रूम में किसी महिला के साथ घंटों बिताने जैसी बात पूरे शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है। सूत्रों के अनुसार तथा कथित महिला जो उक्त अधिकारी के दफ्तर का स्टाफ भी नहीं है, वह लगातार दो दिन उक्त अधिकारी के रिटायरिंग रूम में लगभग एक घंटे से अधिक समय तक रही और उस दौरान अधिकारी के गनमैन, ड्राइवर और सेवादार बाहर पूरी मुस्तैदी के साथ पहरा देते रहे।
अपने किसी काम के सिलसिले में अधिकारी से मिलने आए कुछ लोगों ने अपनी पहचान छिपाने की शर्त पर बताया कि वह जब अधिकारी के दफ्तर में गए और पूछा कि साहिब कहां है तो बाहर बैठे सेवादार ने कहा कि वह अंदर किसी के साथ मीटिंग में व्यस्त हैं। अपना काम करवाने आए लोगों का कहना है कि जब उन्होंने रिटायरिंग रूम का दरवाजा खोलने की कोशिश की तो वह अंदर से बंद पड़ा था। काफी देर बाद जब वह दोबारा अधिकारी के दफ्तर में गए तो सेवादार ने कहा कि अभी भी मीटिंग चल रही है।
जरूरी काम की वजह से उन्होंने वहीं बैठकर इंतजार करने का फैसला लिया। थोड़ी देर बाद कमरे का दरवाजा खुला तो एक महिला अंदर से बाहर आई। जैसे ही महिला बाहर आई, सेवादार ने कहा कि अब आप अंदर जा सकते हो।
यह सिलसिला लगातार दो दिन तक चला और पूरे दफ्तर में अधिकारी द्वारा बंद दरवाजे के पीछे मीटिंग करने को लेकर चर्चा शुरू हो गई और तरह-तरह के सवाल उठने लगे। कुछ लोगों के बीच इस बात को लेकर चर्चा जारी है कि उक्त अधिकारी काफी रंगीन मिजाज का है और अक्सर किसी न किसी महिला के साथ अपने रिटायरिंग रूम में लंबे समय तक बैठा रहता है।
इतना ही नहीं कुछ समय पहले एक महिला कर्मचारी ने इसी अधिकारी के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी के पास शिकायत भी दर्ज करवाई थी। वैसे मामले की सच्चाई को लेकर किसी के पास कोई सबूत तो नहीं है, मगर उक्त अधिकारी और महिला को लेकर चर्चाओं का बाकाार काफी गर्म है। शुक्रवार को उक्त अधिकारी को लेकर कुछ अन्य अधिकारी भी आपस में बातचीत करते हुए देखे गए।
हर किसी का यही कहना था कि वैसे तो मामले में कोई सच्चाई नहीं है, मगर रिटायरिंग रूम के अंदर लंबे समय तक किसी महिला के साथ मीटिंग करना भी पूरी तरह से सही नहीं ठहराया जा
सकता, क्योंकि अधिकारी आम जनता के बीच एक रोल मॉडल की भांति होते हैं और अगर जाने-अनजाने किसी अधिकारी के ऊपर ऐसे सवालिया निशान लगते हैं, तो इससे पूरे दफ्तर की छवि को नुक्सान पहुंचता है। मामला सही है या गलत, इसको लेकर पंजाब केसरी किसी तरह की पुष्टि नहीं करती है, मगर जिस प्रकार से पिछले 2-3 दिन से एक अधिकारी को लेकर गलत चर्चाएं चल रही हैं, उसे पूरे दफ्तर की किरकिरी अवश्य हो रही है।