पंजाब पुलिस की ‘काली भेड़’ ने मीडिया को किया था गुमराह

punjabkesari.in Saturday, May 19, 2018 - 09:07 AM (IST)

जालन्धर: सूर्या एन्क्लेव में 14 मई को एस.एच.ओ.-8 इंस्पैक्टर नवदीप सिंह के सांढू बी.एस.एफ. के कमांडैंट विपन कुमार शर्मा के घर पर फायरिंग करने का मामला चर्चा का विषय बन चुका है। कारण यह कि इस केस में ए.एस.आई. पद पर तैनात पुलिस की एक ‘काली भेड़’ जोकि एक इंस्पैक्टर का खास है, ने एक फर्जी तथ्य मीडिया में प्लांट करवा दिया। हालांकि इस केस में नामजद आरोपियों को कोर्ट में पेश करके पुलिस ने एक दिन का रिमांड लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है। 


उधर, पुलिस सस्पैंडेड हैड-कांस्टेबल जसविंद्र सिंह जस्सी जोकि कुछ दिन पहले ही बिहार से जमानत पर जालंधर आया था, की तरफ घर पर अटैक का मामला मोड़ रही थी, मगर जांच में ऐसी कोई बात सामने नहीं आई। 


पुलिस की जांच में पता लगा था कि इस केस में 4 युवक जोकि एक्टिवा पर सवार होकर आए थे, 2 ए.एस.आई. व हैड-कांस्टेबल रैंक के 2 पुलिस मुलाजिम के बेटे बताए जा रहे हैं। हालांकि पुलिस ने आरोपियों को तो राऊंडअप कर लिया मगर पेंच तब फंसा जब नॉर्थ हलके में तैनात ए.एस.आई. ने एक गलत तथ्य मीडिया को दिया कि केस में नामजद 4 आरोपी खालसा कॉलेज में पढ़ते हैं। 


बी.एस.एफ. में तैनात कमांडैंट के बेटे स्वप्निल जोकि इंटरनैशनल प्लेयर है, ने कुछ देर पहले खालसा कॉलेज में एक झगड़े में बीच-बचाव के दौरान इनमें से एक को थप्पड़ मार दिया। हालांकि सैंट्रल हलके के अधिकारियों की जांच में बात सामने आई कि स्वप्निल पिछले 3 महीने से कॉलजे ही नहीं गया। अगर गया भी तो सिर्फ एग्जाम देने क्योंकि वह सिर्फ अपनी गेम और पढ़ाई पर ही फोकस करता है। 


पहले ही एक पुराने केस को लेकर सैंट्रल व नॉर्थ हलके की पुलिस में क्रैडिट वार चल रही थी जो अब और गर्मा गई है। इतना ही नहीं खुद केस में पीड़ित पक्ष भी इस बात को बिल्कुल दरकिनार कर रहे हैं, जिसको लेकर पुलिस विभाग के कुछ आलाधिकारी बैकफुट पर आ गए हैं और पुलिस डैमेज कंट्रोल में लगी है। 

Sonia Goswami