Exclusive: दावा 4 सप्ताह में नशा खत्म करने का, यूथ कांग्रेस अभी भी दौड़ रही नशे के खिलाफ

punjabkesari.in Sunday, Jun 24, 2018 - 01:59 PM (IST)

जालंधर (रविंदर): सत्ता में आने से पहले कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने गुटका साहिब हाथों में लेकर कसम खाई थी कि सरकार बनने के बाद 4 सप्ताह के भीतर प्रदेश से नशा खत्म कर दिया जाएगा। नशे के मुद्दे पर ही अकाली-भाजपा सरकार विदा हो गई। कांग्रेस का दावा तो 4 सप्ताह में नशा खत्म करने का था, मगर डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी यूथ कांग्रेस अपनी ही सरकार में नशे के खिलाफ दौड़ लगा रही है, यानी रन फार राहुल और रन अगेंस्ट ड्रग्स मैराथन पूरी तरह से सरकार के दावों की पोल खोल गई। हालांकि प्रदेश यूथ कांग्रेस प्रधान अमरप्रीत सिंह लाली का कहना है कि प्रदेश से नशा खत्म हो चुका है और यह नशे की दलदल में जो नौजवान डूबे थे, उनके लिए अवेयरनैस कैंपेन थी। प्रदेश में जब अकाली-भाजपा की सरकार थी तो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने 70 प्रतिशत पंजाबियों को नशेड़ी बताया था।


नशे के मामले में कई राजनेताओं पर भी गंभीर आरोप लगे थे। कांग्रेस ने सत्ता में आने पर 4 सप्ताह के भीतर नशा खत्म करने का दावा किया था। कांग्रेस के इसी दावे के कारण अकाली-भाजपा प्रदेश से सत्ताच्युत हुई थी, मगर हकीकत आज भी जस की तस है। शुक्रवार को ही नशे की ओवरडोज से 2 युवकों की मौत हो गई। अकेले अमृतसर में ही डेढ़ महीने के भीतर 10 मौतों का दावा किया जा रहा है, यानी नशे का राक्षस आज भी जस का तस प्रदेश पर मंडरा रहा है और 4 सप्ताह में नशे का खात्मा करने का दावा करने वाले चुपचाप तमाशा देख रहे हैं। 
मैराथन 42 कि.मी. की, दौड़े यूथ कांग्रेसी 4 कि.मी.
नियमों के मुताबिक मैराथन 42 कि.मी. की होती है, मगर शायद यूथ कांग्रेस के नेताओं को नियमों के बारे कोई जानकारी नहीं है। नाम तो मैराथन का दिया गया था, मगर दौड़े मात्र 4 कि.मी.। गुरु गोबिंद सिंह स्टेडियम से शुरु होकर यह मैराथन कंपनी बाग चौक के पास आकर खत्म हो गई। 

पोल खुली, पार्टी प्रोग्राम के प्रति कितने गंभीर हैं नेता
आधे से ज्यादा नेता व यूथ कांग्रेसी बीच रास्ते में ही मैराथन को छोड़कर अपनी-अपनी गाडिय़ों में अपने घर को रवाना हो गए थे। कुल मिलाकर पार्टी प्रोग्राम के प्रति नेता कितने गंभीर हैं, यह मैराथन इसकी पोल खोल गई। 

पुलिस-प्रशासन ने  जारी नहीं किया रूट प्लान
मैराथन को लेकर एक रूट तय किया जाता है और इस रूट पर किसी भी तरह के अन्य वाहन व लोगों के आने पर पाबंदी होती है मगर न तो मैराथन को लेकर कोई ट्रैक बिछाया गया और न ही पुलिस प्रशासन की ओर से कोई रूट प्लान जारी किया गया। 

आधे नेता बीच रास्ते ही छोड़ गए दौड़
पार्टी के कई सीनियर नेता तो सिर्फ मैराथन का आगाज करवाने आए थे, जैसे ही मैराथन का आगाज हुआ ये नेता बिना भागे ही प्रोग्राम को छोड़ कर चले गए।  

Anjna