जालंधर में बड़ा खुलासा, सिविल अस्पताल का डाक्टर ले रहा था पैसे -वीडियो वायरल

punjabkesari.in Wednesday, Apr 11, 2018 - 07:52 AM (IST)

जालंधर (शौरी): इन दिनों सिविल अस्पताल में डाक्टरों व स्टाफ के मोबाइल फोन पर वायरल होने वाली एक वीडियो जोकि 3 मिनट 9 सैकेंड की है, को लेकर पूरे अस्पताल में तरह-तरह की बातें सुनने को मिल रही हैं। 
जानकारी के मुताबिक एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा बनाई गई वीडियो में डाक्टर 2,000 के 2 नोट हाथ में पकड़े और बाद में जेब में डालता नजर आ रहा है। व्यक्ति का दावा है कि एक डाक्टर ने एम.एल.आर. काटने के नाम पर उससे पैसे लिए, जिसकी उसने वीडियो तैयार की है। उक्त व्यक्ति ने पूरा मामला मैडीकल सुपरिंटैंडैंट डाक्टर के.एस. बावा के नोटिस में लाया। सूत्रों से पता चला है कि वीडियो 27 मार्च को बनाई गई थी?


वहीं, इस मामले में मैडीकल सुपरिंटैंडैंट डा. बावा का कहना है कि एक व्यक्ति ने आकर उन्हें यह बात बताई और उन्होंने तुरंत इस मामले की जांच के लिए एस.एम.ओ. डा. चरणजीव व डा. त्रिलोचन सिंह की ड्यूटी लगाई है। फिलहाल उक्त व्यक्ति ने कोई लिखित शिकायत नहीं दी है लेकिन फिर भी वह मामले की जांच कर रहे है। सूत्रों की मानी जाए तो उक्त व्यक्ति का दावा है कि डाक्टर ने रिश्वत के तौर पर उसके जानकार से पैसे लिए हैं।

 

एमरजैंसी वार्ड के लिए नए आदेश जारी
इस मामले के बाद मैडीकल सुपरिंटैडैंट डा. बावा ने नए आदेश जारी कर दिए हैं, जिसके तहत एम.एल.आर. काटने के बाद डाक्टर मरीज की रिपोर्ट (गंभीर चोट की) खुद सीधे तौर पर पुलिस को नहीं भेज सकते। वह डाक्टर एस.एम.ओ. डा. चरणजीव या फिर डा. त्रिलोचन सिंह को रिपोर्ट सौंपेगा। जांच के बाद ही रिपोर्ट पुलिस के पास जाएगी।


डा. बावा का कहना है कि कई शिकायतें उनके पास पहले भी आ चुकी हैं जैसे कि डाक्टर ने एम.एल.आर. में चोटें कम लिख दीं या फिर फिर एम.एल.आर. सही नहीं काटी। इसके साथ गायनी विभाग में बधाई मांगने की शिकायतें भी बढऩी शुरू हो गई थीं। डा. बावा ने कहा कि उन्होंने एक पत्र एमरजैंसी वार्ड के सभी डाक्टरों को जारी कर दिया है, जिसके तहत डाक्टर सरकार के आदेशों का पालना करेंगे। आदेशों में कहा गया है कि सरकार द्वारा तय रेटों से अधिक की वसूली न की जाए, जैसे की एम.एल.आर. के 300 रुपए, टांके लगने के 150 रुपए, अस्पताल में दाखिला फाइल फीस 300 रुपए ही वसूली जाए। वहीं, एम.एल.आर. ऑनलाइन करवाने की बाद इसकी पहली कॉपी की कोई फीस नहीं लगती। डा. बावा ने लोगों से अपील की है कि यदि अस्पताल में उनसे कोई अधिक पैसे मांगता है तो पीड़ित पहली मंजिल स्थित उनके ऑफिस में आकर उन्हें सीधा मिलकर शिकायत दे सकता है।

Sonia Goswami