करतारपुर में जंग-ए-आजादी यादगार में पर्यटकों की संख्या साढ़े 3 लाख के पार

punjabkesari.in Monday, Jun 11, 2018 - 01:42 PM (IST)

चंडीगढ़ (ब्यूरो) : जालंधर के नजदीक करतारपुर में जंग-ए-आजादी यादगार स्वतंत्रता संग्रामियों के लिए उपयुक्त श्रद्धांजलि के तौर पर पेश की गई थी। यह न सिर्फ पंजाब के सांस्कृतिक और शैक्षणिक केंद्र के तौर पर उभर कर सामने आ रही है, बल्कि युवा पीढ़ी को शानदार, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि संबंधी भी बखूबी जागरूक कर रही है। इसके 2 चरणों का लोकार्पण किया जा चुका है जिनमें से दूसरे चरण का उद्घाटन मार्च, 2018 में किया गया था। इतने थोड़े से समय में ही यहां सैलानियों की संख्या 3,50,000 पार कर चुकी है। 

 

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि प्रवेश द्वार पर यादगार का मॉडल रखा गया है, जो पर्यटकों को स्थान संबंधी अवलोकन करवाता है। इसके अलावा आजादी आंदोलन की मशहूर हस्तियों की तस्वीरें कलात्मक ढंग के साथ चित्रित की गई हैं। यहां एक मीनार है जहां आजादी की लड़ाई में बलिदान देने वाले शहीदों की याद में न बुझने वाली लौ प्रज्वलित की गई है।

 

यहां की गैलरियों में 3डी तकनीक से एक 15 मिनट की ऐनीमेशन फिल्म दिखाई जाती है, जिसमें आजादी के विभिन्न चरणों दौरान पंजाब के ऐतिहासिक योगदान को बखूबी दिखाया गया है। यही नहीं, बल्कि आजादी संघर्ष दौरान महत्वपूर्ण घटनाओं को कला चित्रों के जरिए भी क्रमवार सभ्यक ढंग से प्रदॢशत किया गया है। इसके बाद एक यादगारी स्थान है जिसे 4 फूलों की पंखुडिय़ों के रूप में दिखाया गया है जिसका मकसद आजादी के संग्राम के बलिदान को श्रद्धा के फूल भेंट करना है। इसके अलावा फिल्मकार श्याम बेनेगल की निर्देशित एक फिल्म भी दिखाई जाती है जिससे युवा पीढ़ी को पे्ररणा मिल सके। यही नहीं सामाजिक और सांस्कृतिक समागम करवाने के लिए एक थिएटर तथा 150 सीटों की सामथ्र्य वाला सैमीनार हॉल, लाइबे्ररी, ऑडीटोरियम और फूड कोर्ट भी है। इसका बेहद अहम पक्ष 45 मिनटों का लेजर शो है, जो आजादी के संघर्ष और बंटवारे दौरान घटनाओं को लेजर और वाटर कर्टन प्रोजैक्शन तकनीक के जरिए दिखाता है।

 

इसी स्थान पर शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह के पंजाब प्रति योगदान को भी बड़े बखूबी ढंग के साथ दिखाया जाता है।  एंट्री टिकटों की दर किफायती रखी गई है जिससे हर कोई देश की आजादी की लड़ाई में पंजाब के योगदान और बलिदानों से अवगत हो सके। यह यादगार प्रात: 11 से शाम 7:30 बजे तक खुली रहती है। तीसरे हिस्से का भी लोकार्पण जल्द कर दिया जाएगा, जो गैलरियों के रूप में होगा और जिसकी इमारत मुकम्मल हो चुकी है। इसमें ऑडियो-विजुअल तकनीक के जरिए जलियांवाला बाग और अंडेमान जेल को दिखाया जाएगा।

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