इराक कत्ल मामला: जसवीर की मां व परिवार को जसवीर के जीवित होने की उम्मीद

punjabkesari.in Tuesday, Mar 20, 2018 - 07:13 PM (IST)

सड़ोया(ब्रह्मपुरी): आज सुबह जैसे ही पंजाब केसरी वैबसाइट को पढक़र महेन्दपुर गांव के निवासियों को यह पता लगा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में बयान देकर पुष्टि की कि जो भारतीय इराक में अगवा कर लिए गए थे उनमें से 39 व्यक्तियों का कत्ल हो चुका है तथा एक 40वां व्यक्ति हरजीत गुरदासपुर से बच निकला था। इस खबर की पुष्टि होने उपरांत जिला शहीद भगत सिंह नगर की तहसील बलाचौर के गांव महेन्दपुर (नजदीक मजारी) गांव के निवासी जसवीर सिंह (30 वर्ष) के घर पारिवारिक सदस्यों को लोगों के आने-जाने से पता चला। 

मां की उम्मीद अभी भी बरकरार
महन्दपुर के किरती परिवार से संबंधित एक छोटे से घर में जब पंजाब केसरी की टीम पहुंची तो वहीं पारिवारिक सदस्यों के इलावा पड़ोसी भी बैठे थे। इस मौके पर जसवीर सिंह के पिता बख्शीश सिंह जोकि शारीरिक तौर पर सुनने में असमर्थता महसूस करते थे ने यही बोला कि मेरे पुत्र ने आना है या आ गया। इस तरह जसवीर की माता सुरजीत कौर भी यही मीडिया वालों को कह रही थी कि जसवीर ने कब आना है।

क्या है सरकारी सच्चाई तथा पारिवारिक कहानी 
एकत्रित जानकारी अनुसार जसवीर सिंह पुत्र बख्शीश सिंह जिसका पासपोर्ट नं. जी.9011847 था, वह एक गांव के ही एक व्यक्ति की जान पहचान वाले एजेंट के द्वारा 31 अगस्त, 2013 को इराक की कम्पनी तारिक नूर अलहुदा (कंस्टरक्कशन कम्पनी) शहर मशन में मजदूर के तौर पर गया था। जसवीर सिंह 5 भाइयों में से सबसे छोटा था तथा 2 बहनें, एक भाई शादीशुदा हैं आैर सारा परिवार एक ही छत के नीचे रह रहा है। 

जसवीर की भाभी मनजीत कौर पत्नी सुरिन्द्र पाल ने बताया कि 2013 अगस्त के बाद जसवीर हमें अक्सर फोन कर लेता था परन्तु 15 जून, 2014 को जसवीर का फोन आया कि (00964 -7502046394) नंबर से कि उनकी कम्पनी का सारा स्टाफ अगवा कर लिया गया है हो सके उनको टिकट भेजकर वापिस बुला लो। इस उपरांत परिवार ने सरकारी तौर पर मीडिया के द्वारा केंद्र सरकार से संबंध बनाया तो बस कभी दिल्ली कभी कही अन्य स्थान पर पारिवारिक सदस्यों का आना-जाना बना रहा परन्तु उसका कुछ पता न लगा। परन्तु विदेश मंत्री तथा भगवंत मान एम.पी. के द्वारा बेनती पत्रों के बाद आज सरकारी पुष्टि के साथ उनका कमर टूट गया कि जिस नौजवान पुत्र के इंतजार में पारिवारिक मैंबर नित्य दुयाएं करते थे, आखिर अनहोनी हो गई। खबर लिखे जाने के समय तक सरकारी तौर पर मीडिया के इलावा परिवार को कोई पुष्टि नहीं हो सकी।

 

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