कश्मीरी लड़कियों पर जत्थेदार के बयान की प्रशंसा, खट्टर का विरोध

punjabkesari.in Sunday, Aug 11, 2019 - 09:00 AM (IST)

जालंधर (बुलंद): कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद कुछ लोग कश्मीरी बेटियों को लेकर भद्दे बयान दे रहे हैं, जिससे लोगों में भारी रोष व्याप्त है। खासकर भाजपा के कुछ नेताओं ने तो हद ही कर दी और कश्मीरी लड़कियों के साथ शादियां करने बारे हिंदू युवाओं को भड़काने वाले बयान जारी किए हैं। गत दिवस हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी ऐसा ही आपत्तिजनक बयान दिया लेकिन इसी बीच श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने एक बयान जारी करके सारी सिख कौम को कश्मीरी लड़कियों की हिफाजत करने और उनकी इज्जत पर आंच न आने देने का बयान जारी करके सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। 

खट्टर के विरोध में उतरे लोग
वहीं जत्थेदार के बयान की तो हर तरफ प्रशंसा हो रही जबकि खट्टर के बयान का विरोध हो रहा है।  इसके बाद सोशल मीडिया ही नहीं, हर चौक-चौराहे पर हो रही चर्चाओं में जत्थेदार और खट्टर के  बयानों की तुलना की जा रही है। इस बारे न सिर्फ सिख समुदाय के लोग बल्कि हिंदू समाज के लोग भी खुल कर खट्टर व अन्य भाजपा नेताओं के  आपत्तिजनक बयानों की आलोचना कर रहे हैं। 

नेता कर रहे हैं ओछी राजनीति
इस बारे सोशल मीडिया पर एक महिला लिखती है कि भारत महान वीरों की धरती है।  देश में महिला को मां दुर्गा के रूप में पूजा जाता है, ऐसे में अगर कोई नेता कश्मीरी लड़कियों से शादियां करने का बयान देकर ओछी राजानीति की जा रही है जो ठीक नहीं है।  ऐसे ही एक अन्य हिंदू भाई ने एक पोस्ट पर कमैंट करते लिखते हैं कि अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने सिख समाज को कश्मीरी लड़कियों की रक्षा करने के आदेश जारी करके एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि सिख हिंदुस्तान की 2 प्रतिशत आबादी होने के  बाद भी देश की इज्जत के साथ कभी खिलवाड़ होता नहीं देख सकते हैं। 

सेखवां ने की जत्थेदार के बयान की प्रशंसा
उधर, इस मामले में टकसाली अकाली दल के नेता सेवा सिंह सेखवां ने कहा कि समूची सिख कौम को जत्थेदार के बयानों को सिर आंखों पर रखना चाहिए और इन पर पहरा देते हुए समाज में किसी भी धर्म या वर्ग की बेटियों की इज्जत पर आंच नहीं आने देनी चाहिए। सेखवां ने कहा कि 1762 में अब्दाली पानीपत की लड़ाई से हजारों भारतीय लड़कियों को बंधक बनाकर ले जा रहा था तब सिख योद्धाओं ने अब्दाली की फौज पर हमला करके उन हजारों महिलाओं को बचाया और उन्हें अपने घरों तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं ने भी महिलाओं को सबसे ऊंचा दर्जा दिया है पर आज जिस प्रकार कुछ लोग कश्मीरी महिलाओं और बेटियों बारे आपत्तिजनक बातें कर रहे हैं वह अति-निंदनीय है। 

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