बड़ा खुलासा : जिम्मी करवल के घाव की हुई मैडीकल जांच, नहीं लगी थी गोली

punjabkesari.in Thursday, May 17, 2018 - 08:03 AM (IST)

फगवाड़ा (जलोटा): 13 अप्रैल को फगवाड़ा में गोल चौक में हुई फायरिंग दौरान शिव सेना बाल ठाकरे यूथ विंग के प्रधान जिम्मी करवल जो शिव सेना बाल ठाकरे के प्रदेश उपाध्यक्ष इंद्रजीत करवल के पुत्र हैं को गोली नहीं लगी है? यह खुलासा सरकारी डाक्टरों के बोर्ड ने आधिकारिक स्तर पर एस.आई.टी. को भेजी गई मैडीकल रिपोर्ट में किया है। सूत्रों के अनुसार उक्त मामले में जातिय हिंसा की जांच कर रही एस.आई.टी. की मांग पर घायल हुए जिम्मी करवल की मैडीकल जांच सरकारी डाक्टरों के बोर्ड द्वारा करवाई गई थी, जिसमें अब बड़ा खुलासा हुआ कि उक्त घाव गोली लगने से हुआ ही नहीं है।

घटे घटनाक्रम पश्चात अब पुलिस द्वारा दलित नेताओं के खिलाफ दर्ज किए गए पुलिस केस नंबर-78 के तहत आज अंबेदकर सेना मूल वासी के राष्ट्रीय प्रधान आरोपी हरभजन सुमन सहित कुल 5 आरोपी दलित नेताओं को पुलिस ने आज गिरफ्तार किया है, में धारा-307 आई.पी.सी. नहीं जोड़ी जाएगी। अहम पहलू यह है कि पुलिस को इससे पहले दर्ज करवाए गए बयान में घायल जिम्मी करवल ने खुलासा किया हुआ है कि उसे उक्त घाव गोली का शर्रा लगने से हुआ है।

इसी मामले में जनरल समाज वर्ग के लोग निरंतर पंजाब सरकार, जिला पुलिस व प्रशासन से कभी मौखिक तौर पर तो कभी ज्ञापन सौंप कर निरंतर मांग करते रहे हैं कि फगवाड़ा पुलिस एफ.आई.आर. नंबर-78 में धारा-307 आई.पी.सी. का इजाफा करे। इसी प्रकरण को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह को जनरल समाज द्वारा बकायदा अन्य मांगों के साथ चंद दिनों पहले ज्ञापन भी सौंपा गया है। लेकिन अब तकनीकी तौर पर उक्त केस में यह मांग सिर्फ मांग बनकर ही सीमित रह गई है। इस बेहद गंभीर मामले को लेकर जब पंजाब केसरी ने एस.आई.टी. प्रमुख एस.पी. जसरकरण सिंह तेजा से सम्पर्क कर सवाल किए तो उन्होंने ऑन रिकार्ड इस तथ्य की पुष्टि करते हुए स्वीकारा कि एस.आई.टी. को जिम्मी करवल की सरकारी डाक्टरों द्वारा भेजी गई मैडीकल रिपोर्ट में गोली से घाव होने की संभावना से इंकार किया है।

उन्होंने कहा कि पुलिस उक्त मैडीकल रिपोर्ट का अध्ययन विभिन्न स्तरों पर कर रही है। लेकिन हाल-फिलहाल जो मैडीकल रिपोर्ट को आधार बना तथ्य सामने आए हैं उसके तहत कानूनी तौर पर केस नंबर-78 में धारा 307 आई.पी.सी. की बढ़ौतरी नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस जांच पूर्ण होने के बाद सारे तथ्यों पर एस.आई.टी. जो अंतिम रिपोर्ट सौंपेगी वह ही निर्णायक होगी।

Anjna