UAPA के तहत दर्ज मामलों की न्यायिक जांच हो: खैहरा

punjabkesari.in Thursday, Jul 30, 2020 - 09:02 PM (IST)

चंडीगढ़ः पंजाब में गैर कानूनी गतिविधि प्रतिरोधक अधिनियम (यूएपीए) के तहत हाल में दर्ज मामलों को लेकर भोलथ विधायक सुखपाल सिंह खैहरा समेत पांच विधायकों और एक पूर्व सांसद ने आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से यूएपीए के दुरुपयोग का बचाव न करने और इन मामलों की स्वतंत्र व निष्पक्ष न्यायिक जांच कराने की मांग की। मुख्यमंत्री ने हाल के समय में प्रदेश में यूएपीए के तहत पुलिस की कार्रवाई का बचाव किया था। विधायक सुखपाल सिंह खैहरा समेत विधायकों और पूर्व सांसद डॉ. धर्मवीर गांधी ने मुख्यमंत्री को दिए ज्ञापन में आरोप लगाया है कि यूएपीए के तहत हाल के कुछ हफ्तों में 16 मामले और कांग्रेस सरकार के अब तक के तीन साल के कार्यकाल में 47 मामले दर्ज किए जा चुके हैं और इनमें अधिकांश निर्दोष व दलित युवकों को फंसाया गया है। 

ज्ञापन के अनुसार हाल में दर्ज मामलों का उन्होंने अध्ययन किया है और पाया है कि 65 साल के एक बुजुर्ग से लेकर 18 साल के एक नौजवान को फंसाया गया है। ज्ञापन के अनुसार भोलथ में जोगिंदर सिंह गुज्जर पर इटली के गुरुद्वारे में सिक्ख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के एक पदाधिकारी का सम्मान करने, किसीको 200 यूरो भेजने और पिछले साल जिनेवा में एसएफजे के एक सम्मेलन, जिसमें 2500 लोग शामिल हुए थे, में शामिल होने के आरोप लगाए गए हैं। ज्ञापन के अनुसार समाना में कार्य करने वाले एक युवक को हरियाणा के कैथल से गिरफ्तार किया गया। वह कुछ महीने पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग के धरने में लंगर सेवा के लिए गया हुआ था। ज्ञापन के अनुसार पटियाला के सेहरा गांव में सुखचैन सिंह को गांव से सरपंच की उपस्थिति में 26 जून को पुलिस किसी मामले में पूछताछ के बहाने ले गई और उसे 28 जून को गजेवास गांव के नाके पर उसे पिस्तौल व कारतूस के साथ गिरफ्तार किया गया। 

ज्ञापन के अनुसार एक मामले में पटियाला पुलिस ने गिरफ्तार किए जसप्रीत सिंह नामक एक युवक को यह कहकर छोड़ दिया कि उसके खिलाफ सबूत नहीं है जबकि एक जुलाई को पुलिस महानिदेशक की जारी विज्ञप्ति में उसे व उसके साथ गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों को ‘खालिस्तानी मोड्यूल‘ का हिस्सा बताया था। छूटने के बाद जसप्रीत ने पुलिस हिरासत में बुरी तरह यातना देने के आरोप लगाए। ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि संगरूर में रत्ता खेरा के 22 वर्षीय लवप्रीत सिंह नामक एक युवक ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की पूछताछ के दौरान यातना के कारण 13 व 14 जुलाई की मध्य रात्रि आत्महत्या कर ली। आत्महत्या पूर्व लिखी चिट्ठी में युवक ने अपनी मौत के बाद उसके परिजनों या मित्रों को परेशान न करने का अनुरोध किया है। ज्ञापन में एक बार फिर पंजाब में हाल में यूएपीए के तहत दर्ज मामलों की स्वतंत्र व निष्पक्ष न्यायिक जांच कराने की मांग सरकार से की गई है।

Mohit