ठेके पर जमीन देने वाले मालिक अपने खेतों में पराली न जलाने दें: पन्नू

punjabkesari.in Sunday, Oct 13, 2019 - 05:05 PM (IST)

चंडीगढ़ः पंजाब सरकार ने ठेके पर जमीन देने वाले मालिकों को कहा है कि वे अपने खेतों में किसी हालत में धान के अवशेष (पराली) न जलाने दें। कृषि सचिव काहन सिंह पन्नू ने आज यहां बताया कि पंजाब में कृषि भूमि का लगभग 25 प्रतिशत क्षेत्रफल प्रवासी पंजाबियों या शहरी इलाकों मेें रहने वाले लोगों के स्वामित्व वाला है और ये लोग प्रति एकड़ 40 हजार से लेकर 55 हजार रुपए ठेका ले रहे हैं। इस कारण इन लोगों की अपने खेतों में पराली जलाने से रोकने की बराबर की जिम्मेदारी बनती है।

पन्नू ने कहा कि यदि इन लोगों के खेतों में आग लगने की घटना घटती है तो इसके लिए सीधे तौर पर सरकार के आदेशों का उल्लंघन मानते हुए जमीन मालिकों के विरुद्ध कानून के मुताबिक कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने जमीन मालिकों से अपील की कि उनकी जमीन ठेके पर जोतने वाले काश्तकारों के लिए ठेके की रकम कुछ कम करने और उनको पराली जलाने की बजाय खेतों में मिला देने के लिए प्रेरित करें जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति को नुकसान न पहुंचे और न ही पर्यावरण प्रदूषित हो। ज्ञातव्य है कि वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) एक्ट -1981 की धारा 19 (5) के तहत राज्य भर में पराली जलाने पर मुकम्मल पाबंदी है। इसी तरह जिला मजिस्ट्रेटों द्वारा भी सी.आर.पी.सी. की धारा 144 के अंतर्गत जि़ला स्तर पर पराली जलाने पर पहले ही रोक लगाई हुई है। 

कृषि सचिव ने बताया कि पराली जलाने की समस्या पर रोक लगाने के लिए उपायुक्तों को अपने सम्बन्धित जिलों में गांव स्तर पर तैनात नोडल अफसरों को जमीन मालिकों की सूची तैयार करने के लिए कहा गया है। इन नोडल अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे ठेके पर जमीन देने वाले व्यक्तियों के साथ संपर्क करके उनको पराली न जलाने सम्बन्धी जारी हिदायतों की पालना करने के लिए जोर डालें। उन्होंने कहा कि सभी राजस्व पटवारियों को उस कृषि जमीन, जिसमें पराली जलाने की कोई घटना घटती है, की गिरदावरी में ‘रैड एंट्री' दर्ज करने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं।

Mohit