MP के CM कमलनाथ का खुलेगा 35 साल बाद केस, पढें 84 सिख नरसंहार में कैसे थे शामिल

punjabkesari.in Tuesday, Sep 10, 2019 - 09:05 AM (IST)

नई दिल्ली/जालंधर(ब्यूरो/चावला): मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ सकती हैं।  दरअसल सोमवार को गृह मंत्रालय ने 1984 के दंगों के 7 मामले दोबारा खोलने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया, जिसमें कमलनाथ का मामला भी शामिल है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमैंट कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा, महासचिव हरमीत सिंह कालका व अन्य नेताओं ने पत्रकारों को बताया कि कमलनाथ के खिलाफ एस.आई.टी. ने जांच की थी। सिरसा के मुताबिक एफ.आई.आर. नं. 601/84 फिर खुलेगी और इसमें कमलनाथ का भी नाम है। 

सिरसा ने कहा कि सोनिया गांधी को कमलनाथ को पार्टी से बाहर निकालना चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करती हैं तो उनका सिख विरोधी चेहरा उजागर होगा और वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं। बता दें कि मध्य प्रदेश में भाजपा के लंबे शासन का अंत कर जब कमलनाथ सी.एम. बने थे, तब भी सिख दंगों को लेकर खूब चर्चा हुई थी। सोशल मीडिया पर इसे लेकर काफी प्रतिक्रियाएं आई थीं। हालांकि कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने चर्चाओं को दरकिनार करते हुए कमलनाथ को सी.एम. बनाया था। 

सिख नरसंहार में कमलनाथ और वसंत साठे ने निभाई थी मुख्य भूमिका  
सिरसा ने कहा कि 2 गवाहों मुख्तियार सिंह और पूर्व पत्रकार संजय सूरी ने नानावती आयोग के समक्ष हलफनामा दायर कर बताया था कि 1984 के सिख नरसंहार में कमलनाथ और वसंत साठे ने मुख्य भूमिका निभाई थी।  कमलनाथ ने भीड़ (कांग्रेस नेताओं के एक समूह) को राष्ट्रीय राजधानी में सिखों की हत्या के लिए निर्देश दिया था। उन्होंने कहा कि तकनीकी गड़बड़ के कारण इस मामले को बंद कर दिया गया और उनको  जानबूझकर इससे बाहर रखा गया था। सिरसा ने खुलासा किया कि शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और केंद्रीय कैबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने गृह मंत्रालय द्वारा जारी नए नोटीफिकेशन को हासिल करने में अहम भूमिका निभाई है। 

जून में भी की थी मुलाकात
बीते जून महीने में भी मनजिंदर सिंह सिरसा ने 1984 सिख दंगों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बनाई गई एस.आई.टी. के चेयरमैन से मुलाकात की थी। सिरसा ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की भूमिका की जांच करने की मांग की थी, जिस पर एस.आई.टी. की ओर से भरोसा दिलाया गया था कि जांच दल इस मामले को दोबारा खोल रहे हैं और उनका प्राथमिक फोकस सी.एम. कमलनाथ की भूमिका की जांच पर होगा। 

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