सज्जन कुमार के बाद अब कमलनाथ सिखों के निशाने पर

punjabkesari.in Tuesday, Dec 18, 2018 - 08:19 AM (IST)

चंडीगढ़(भुल्लर): वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सज्जन कुमार को 1984 कत्लेआम मामले में उम्रकैद की सजा के बाद अब वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री कमलनाथ भी निशाने पर आ गए हैं। चाहे कांग्रेस द्वारा कमलनाथ की हत्याकांड में शमूलियत से इंकार किया जा रहा है। चाहे मुख्यमंत्री कैप्टन भी अपने विचार दे चुके हैं, परंतु सज्जन कुमार पर फैसले के बाद अब पंजाब में कमलनाथ के खिलाफ कार्रवाई की मांग जोर पकड़ गई है।  सिखों से जुड़ी पार्टियों और संगठनों ने कमलनाथ के खिलाफ केस फिर खोल कर कार्रवाई करने की मांग की है।

कमलनाथ के खिलाफ चश्मदीद गवाह मौजूद
उल्लेखनीय है कि सज्जन कुमार के मामले में गवाही देने वाली निरप्रीत कौर भी कमलनाथ के खिलाफ गवाह होने की बात कह चुकी है। एक पत्रकार भी कमलनाथ द्वारा लोगों को नरसंहार के लिए भड़काने का चश्मदीद गवाह होने का दावा कर रहा है। सज्जन कुमार के विरुद्ध गवाही देने वाली निरप्रीत कौर का कहना है कि कमलनाथ के मामलों में चश्मदीद गवाह दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक समिति में मुलाजिम रह चुका है, परंतु उसकी गवाही दिलवाने की ओर किसी ने ध्यान ही नहीं दिया।

इसी के आधार पर ही अब पंजाब में सिख नेताओं की तरफ से कमलनाथ के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई जा रही है। जत्थेदार अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह का कहना है कि बेशक सज्जन कुमार को उम्रकैद हो गई है, परंतु उसे गुनाह के हिसाब से फांसी की सजा होनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि सज्जन कुमार ही नहीं बल्कि अन्य भी ऐसे कई बड़े नाम हैं, जिनके खिलाफ नरसंहार के मामले में कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इनमें एक प्रमुख नाम कमलनाथ का है, जिसको कांग्रेस ने मुख्यमंत्री बनाकर बहुत गलत किया है और यह सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है।

 

swetha