अब सरकारी नहीं कान्वैंट स्कूल में पढ़ेगा पैरों से लिखने वाला कमलजीत

punjabkesari.in Sunday, Apr 08, 2018 - 11:33 AM (IST)

लुधियाना(विक्की): जन्म से ही अपने हाथों से लिखने में असमर्थ होने के बावजूद पैरों की 2 उंगलियों से लिखने व पेंटिंग करने वाले कमलजीत सिंह ने करीब 1 माह पहले तक भी नहीं सोचा होगा कि 6वीं कक्षा में होते ही वह जमीन की बजाय आधुनिक डैस्क पर बैठ किसी कान्वैंट स्कूल की आलीशान कक्षाओं में पढ़ाई करेगा। 
 

जी हां, पक्खोवाल रोड पर स्थित गांव सहौली के इस 11 वर्षीय छात्र के हौसले को सलाम किया है गांव पंडोरी के गोल्डन अर्थ कान्वैंट स्कूल के चेयरमैन बलदेव कृष्ण अरोड़ा ने।  उन्होंने पंजाब केसरी में 17 मार्च को कमलजीत के आत्मविश्वास को बयां करती खबर से प्रभावित होकर उसे अपने स्कूल में न केवल नि:शुल्क एडमिशन दी बल्कि ड्रैस, किताबों के साथ नि:शुल्क ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था तक करवा दी। हर समय कमलजीत के साथ साए की तरह रहकर उसके हाथ बने दोस्त सन्नी को भी अरोड़ा ने कमलजीत की तर्ज पर हर सुविधा देकर दोस्ती निभाने का ईनाम दिया है। दोनों स्टूडैंट्स को घर से स्कूल तक लाने व वापस ले जाने के लिए स्कूल ने विशेष तौर पर बस का रूट भी बनाया है, क्योंकि उनके घर तक स्कूल की किसी बस का कोई रूट नहीं है। 

पी.जी.आई. में चल रहा इलाज
नवचेतना बाल भलाई कमेटी ने भी इस छात्र को अडॉप्ट करते हुए इलाज पर आने वाले खर्चे का जिम्मा उठाया। अब कमलजीत का इलाज पी.जी.आई. में चल रहा है। पिता संतोख सिंह ने बताया कि डाक्टरों ने हाथों का आप्रेशन करने से पहले उसकी फिजीयोथरैपी शुरू करने की सलाह दी है। इसके लिए गांव सराभा से एक फिजीयोथरैपिस्ट से बात चल रही है। 

अध्यापकों को खास ध्यान देने के निर्देश
स्कूल के प्रिंसीपल पी. कुमार ठाकुर ने बताया कि चेयरमैन के निर्देशों पर अध्यापकों को कहा गया है कि इन दोनों विद्यार्थियों की स्टडी पर ज्यादा फोकस किया जाए, क्योंकि कान्वैंट स्कूल की स्टडी में इन दोनों का पहला चरण है और दोनों को ही ज्यादा ध्यान की जरूरत है।

आत्मविश्वासी है 11 वर्षीय कमलजीत सिंह 
गौरतलब है कि कमलजीत सिंह गांव सहौली का वह छात्र है जिसने बचपन से ही हाथ न चलने के कारण सरकारी स्कूल में पढ़ते हुए पांव की 2 उंगलियों से लिखना शुरू किया। पढ़ाई में भी निपुण इस छात्र ने एस.सी.ई .आर.टी. की ओर से ली गई 5वीं की परीक्षाओं में ए ग्रेड हासिल किया। कमलजीत की खास बात यह है कि वह सामान्य विद्यार्थियों की तरह ही कलास रूम में बैठकर निश्चित समय में ही अपनी स्टडी पूरी करता रहा है। पंजाब केसरी ने इस छात्र के आत्मविश्वास को दर्शाती खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। खबर छपने के बाद कई समाजसेवी लोगों ने कमलजीत के इलाज के लिए करीब 2 लाख रुपए की राशि एकत्रित करके दी। 

क्या कहते हैं चेयरमैन बलदेव कृष्ण अरोड़ा 
गोल्डन अर्थ कान्वैंट स्कूल के चेयरमैन बलदेव कृष्ण अरोड़ा ने बताया कि उन्होंने जब पंजाब केसरी में पहली बार इस छात्र के बारे में छपी खबर पढ़ी तो उसी दिन स्कूल के अध्यापकों को गांव सहौली स्थित छात्र के घर पर भेजा। अध्यापकों ने जब कमलजीत को पैरों की उंगलियों से लिखते देखा तो बेहद प्रभावित हुए। इसके बाद अध्यापकों की रिपोर्ट पर उन्होने स्कूल सोसायटी को कमलजीत को अपने स्कूल में नि:शुल्क पढ़ाने का प्रस्ताव दिया तो सभी ने इसमें हामी भरी। इसके बाद फिर अध्यापकों ने कमलजीत के पेरैंट्स से बात की तो उन्होंने स्कूल में विजिट की। उन्होंने बताया कि जब मुझे मालूम हुआ कि कमलजीत का दोस्त सन्नी पूरा दिन स्कूल में उसके साए की तरह साथ रहता है तो मैंने सन्नी को भी स्कूल में नि:शुल्क एडमिशन देने के साथ हर सुविधा देने का फैसला किया।

कमल के लिए बनवाया जा रहा स्पैशल फर्नीचर 
अरोड़ा ने बताया कि कमलजीत को फिलहाल सामान्य डैस्क पर बैठने में दिक्कत है लेकिन उन्होंने उसके लिए स्पैशल बैंच बनवाए जा रहे हैं।  लिखने के लिए टेबल का बंदोबस्त भी किया गया है ताकि उसे पैरों से लिखने में दिक्कत न आए। कमलजीत व सन्नी ने स्कूल में पहले दिन 6वीं कक्षा में बैठ पढ़ाई की। इस दौरान दोनों विद्यार्थियों को किताबों के साथ ड्रैस भी उपलब्ध करवा दी गई। चेयरमैन ने बताया कि उनका उद्देश्य है कि कमलजीत इसी स्कूल में स्टडी करके अपने पैरों पर खड़ा हो सके। 12वीं के बाद भी इस छात्र ने जो स्टडी करनी होगी वह उसका खर्चा भी उठाएंगे लेकिन उनका सपना है कि कमलजीत एक दिन ऐसी शख्सियत बने जिसे देखकर हर कोई उसे अपना रोल माडल बनाए।

कान्वैंट स्कूल में आकर खुश दिखे कमलजीत व सन्नी
आज पहले दिन नए स्कूल में आकर खुश दिख रहे कमलजीत ने कहा कि वह स्वयं चाहता है कि इस स्कूल में पढ़ाई करके उस मुकाम तक पहुंच सके जहां पर उसे हर कोई देखना चाहता है। स्कूल ड्रैस में सजे इस छात्र ने स्कूल सोसायटी की ओर से उसके भविष्य को संवारने के लिए उठाए कदमों के लिए धन्यवाद करते हुए कहा कि सरकारी स्कूल में पढ़ते हुए भी हैड टीचर व अध्यापकों ने उसे हमेशा मोटीवेट किया है। 

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