करतारपुर कॉरिडोरःभारतीय नेताओं में लगी Credit लेने की होड,पाक में चल रही हैं तैयारियां

punjabkesari.in Saturday, Jan 05, 2019 - 03:06 PM (IST)

गुरदासपुर: गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर का श्रेय लेने के लिए यहां भारत के राजनीतिक दलों के नेताओं में होड लगी है। वहीं  पाकिस्तान सरकार  युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया है। भारतीय सीमा से साफ दिखाई देता है कि बड़ी-बड़ी मशीनें दिन-रात निर्माण कार्य में लगीं हुई हैं। दूसरी तरफ खुफिया एजेंसियां पाक सरकार की तरफ से दिखाई जा रही दिलचस्पी को भारत के विरुद्ध किसी बड़ी साजिश के तहत देख रही है। यहां भारत सरकार ने पाकिस्तान जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए लगभग नियम तय कर दिए हैं। पर अभी तक कॉरिडोर का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया है। 


 
श्रेय लेने की दौड़ में सभी राजनीतिक पार्टियां
भारत में एक आम विधायक से लेकर प्रधानमंत्री तक करतारपुर कॉरिडोर का सेहरा लेने में लगे हैं। यहां पंजाब कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का कहना है कि रास्ता उनकी कोशिशों और पाक प्रधानमंत्री इमरान खान से दोस्ती के कारण बन रहा है। वहीं मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह इसका सेहरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दे रहे हैं। दूसरी तरफ अकालियों नेताओं का कहना है कि वह तो देश की आजादी के बाद से ही इस रास्ते को खोलने की मांग करते आ रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने तो गुरदासपुर की रैली में यह कह दिया कि यह केंद्र की भाजपा सरकार की कोशिश का नतीजा है। 


श्री  करतारपुर साहिब जाने के लिए भारत सरकार की तरफ से जो नियम बनाए जाने हैं उसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। आईए जानते हैं नियम - 

* गुरुद्वारा साहिब के दर्शनों के इच्छुक श्रद्धालु के पास पासपोर्ट होना अनिवार्य है। वहां जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं होगी। 
*श्रद्धालुओं के  लिए पासपोर्ट के आधार पर रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी होगा।  
*रोजना कितने श्रद्धालु पाकिस्तान जाएंगे और वापिस आएंगे यह निश्चित होगा।
*एक श्रद्धालु साल में 2 बार ही गुरुद्वारा साहिब में दर्शनों  के लिए जा सकेगा। 
*खालिस्तानी विचारधारा के लोगों के जाने पर सरकार रोक लगा सकती है। 

क्या सच में गुप्त साजिश है पाक की
लम्बे समय से भारतीय शासित पंजाब में पाकिस्तान की खुफिया एजैंसी आई.एस.आई.आंतकवाद को हवा नहीं दे सकी है। इसी कारण गुरुद्वारे में कुछ आतंकियों को कमरे अलॉट किए गए हैं, जो वहां बैठ कर आतंकी गतिविधियों को प्रोत्साहित करेंगे। इस रास्ते की आड़ में पाकिस्तान जाने वाले श्रद्धालुओं को वहां भड़काने वाले भाषण देकर खालिस्तान लहर के साथ जोड़ने की कोशिश की जाएगी।

 

 

 

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