करतारपुर कॉरिडोर: नींव पत्थर पर बादलों के नाम लिखने को लेकर छिपाई जा रही है असलियत?

punjabkesari.in Saturday, Feb 02, 2019 - 09:22 AM (IST)

जालंधर(बुलंद): श्री गुरु नानक देव जी के 550वें गुरुपर्व के उपलक्ष्य में सिख संगत के पाकिस्तान में बने करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दर्शनों के लिए भारत व पाकिस्तान की सरकारों द्वारा मिलकर बनाए जा रहे करतारपुर कॉरिडोर के नींव पत्थर पर पूर्व मुख्यमंत्री पंजाब प्रकाश सिंह बादल और अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल के नाम लिखे होने के बाद से पैदा हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। 

26 नवम्बर 2018 को रखा गया था शिलान्यास

वर्णनीय है कि कॉरिडोर के नींव पत्थर का समारोह 26 नवम्बर 2018 को गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक में आयोजित किया गया था जिसमें शिलान्यास उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू ने किया था। इस मौके पर मुख्य तौर पर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, हरसिमरत कौर बादल और मुख्यमंत्री पंजाब कै. अमरेंद्र सिंह भी मौजूद थे पर शिलान्यास पत्थर पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल का भी नाम लिखा हुआ था, जिससे डेरा बाबा नानक के मौजूदा कांग्रेसी विधायक व पंजाब सरकार के जेल मंत्री सुखजिंद्र सिंह रंधावा का पारा हाई हो गया था और उन्होंने विरोधवश दोनों बादल (पिता-पुत्र) के नाम पर काली टेप लगा दी थी। 

जवाब नहीं दे सका नैशनल हाईवे अथॉरिटी

इस मामले में खुद सुखजिंद्र सिंह रंधावा ने बताया कि शिलान्यास कार्यक्रम के तुरंत बाद ही उन्होंने एक आर.टी.आई. के तहत नैशनल हाईवे अथॉरिटी को पूछा था कि किस आधार पर और किसके कहने पर नींव पत्थर पर बादलों का नाम लिखा गया जबकि न तो उनके पास मौजूदा समय में कोई हाई लैवल पद है और न ही वे केंद्र या पंजाब मंत्रिमंडल में शामिल हैं तो प्रोटोकॉल की उल्लंघना करके उनका नाम नींव पत्थर पर लिखना किस प्रकार से उचित है। रंधावा ने बताया कि 2 महीने हो गए आर.टी.आई. डाले पर नैशनल हाईवे द्वारा उन्हें कोई जवाब नहीं दिया गया।

जवाब न मिलने से नराजा रंधावा

बस एक ईमेल द्वारा बताया गया है कि उनकी एप्लीकेशन आगे फारवर्ड कर दी गई है। 2 महीने तक कोई जवाब न आने से रंधावा नाराज हैं और उनका कहना है कि इस बारे जल्द ही हाई अथॉरिटी को अपील डाली जाएगी। वह इस मामले को छोडऩे वाले नहीं हैं क्योंकि इस बारे उन्होंने पंजाब के सी.एम. ऑफिस से भी जानकारी लेनी चाही थी पर उन्हें बताया गया कि इस मामले का पंजाब सरकार से कोई लेना-देना नहीं है जो भी फैसला लिया गया वह नैशनल हाईवे अथॉरिटी की ओर से लिया गया था। रंधावा ने कहा कि अगर उनकी आर.टी.आई. का कोई जवाब नहीं दिया गया तो इस मामले में वह अदालत भी जा सकते हैं। देखना होगा कि नैशनल हाईवे अथॉरिटी सुखजिंद्र रंधावा के इस सवाल का क्या जवाब देती है।

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