करतारपुर साहिब जाने वाले सिख भारत के सुरक्षा सिस्टम से नाराज

punjabkesari.in Saturday, Nov 23, 2019 - 09:24 AM (IST)

जालंधर (बुलंद): श्री गुरु नानक देव जी के 550वें गुरुपर्व पर संगत के लिए पाकिस्तान में स्थित गुरु नानक देव जी के करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दर्शनों के लिए बनाए गए करतारपुर कॉरीडोर से सिखों की खुशी सातवें आसमान पर थी और सिख भारत व पाकिस्तान सरकार का आभार प्रकट करते नहीं थक रहे थे, लेकिन कॉरीडोर खुलने के कुछ दिनों के भीतर ही सिखों में भारी नाराजगी पाई जा रही है।

पाकिस्तान के इस गुरुद्वारा के दर्शन करके लौटने वाले सिखों की मानें तो उन्हें इस सफर के दौरान सुरक्षा के नाम पर भारतीय सिस्टम से परेशान होना पड़ रहा है। जहां पाकिस्तान में भारत से जाने वाले सिखों को स्पैशल ट्रीटमैंट दिया जा रहा है वहीं भारत वाली साइड से अपने ही देश की सुरक्षा एजैंसियां व फोर्स वाले सिख संगत से गलत व्यवहार कर रहे हैं। करतारपुर साहिब के दर्शन करके लौटे कुछ सिख भाइयों ने बताया कि भारी सुरक्षा और चारदीवारी से लैस कॉरीडोर के जरिए करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दर्शनों के लिए पासपोर्ट अनिवार्य किया गया है और सिखों से 20 डालर फीस वसूली जा रही है जिससे उनमें निराशा का भाव पाया जा रहा है। 

सिखों को कॉरीडोर के नाम पर बेइज्जत किया जाना सही नहीं: खालसा
 इस मामले में सिख सेवक सोसायटी के नेता परमिंद्रपाल सिंह खालसा का कहना है कि भारत सरकार की ओर से सिखों को कॉरीडोर में सुरक्षा के नाम पर बेइ’जत करना सही नहीं है। सरकार द्वारा सिखों को पूरा आदर-सम्मान दिया जाना चाहिए। फिजूल की चैकिंग और पासपोर्ट की शर्त भारत सरकार को पाकिस्तान सरकार से बात करके रद्द करवानी चाहिए। वहीं पाक ने जो 20 डालर की फीस लगाई है, उसे भी भारत सरकार को अपनी जेब से अदा करना चाहिए। करतारपुर जाने के लिए सिर्फ एक ही चैकिंग प्वाइंट होना चाहिए। कुत्तों से बैग सूंघवाना अपने ही नागरिकों पर शक करना है, जो ठीक नहीं है।

ऐसी सख्ती ठीक नहीं: बीबी जागीर कौर
इस बारे में  शिरोमणि कमेटी की पूर्व अध्यक्ष बीबी जागीर कौर का कहना है कि एक तो वैसे ही पासपोर्ट व अन्य परेशानियों के चलते सिख कॉरीडोर देखने कम जा रहे हैं। दूसरा अगर केंद्र व रा’य सरकार की सुरक्षा एजैंसियां चैकिंग के नाम पर सख्ती करती रहेंगी तो ऐसे उनका कॉरीडोर के प्रति उत्साह कम होगा। सरकार को इस बारे तुरंत आदेश जारी करने चाहिएं कि करतारपुर जाने वाले सिखों के साथ बेहद अ‘छा व्यवहार किया जाना चाहिए।

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