KBC के नाम पर आपके साथ भी हो सकता है धोखा, इस पाकिस्तानी नंबर से रहें सावधान!

punjabkesari.in Tuesday, Jan 08, 2019 - 11:47 AM (IST)

जालंधर(वरुण): के.बी.सी. (कौन बनेगा करोड़पति) के नाम पर अब व्हाट्स एप पर ठगी का खेल शुरू हो गया है। व्हाट्स एप पर पाकिस्तान के नंबर से आडियो मैसेज कर लोगों को शिकार बनाने की कोशिश की जा रही है। यह आडियो मैसेज 1.17 मिनट का है जिसमें दिल्ली का एक नंबर देकर वहां पर लाटरी नंबर नोट करवा कर 25 लाख रुपए कैश करवाने का लालच दिया जा रहा है। 

एक बैंक उपभोक्ता को व्हाट्स एप पर पाकिस्तान के नंबर से मैसेज आया जिसमें एक व्यक्ति दावा कर रहा है कि अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान व मोदी सरकार ने दोबारा से के.बी.सी. शुरू किया है और यह मोदी सरकार की स्कीम है। इस स्कीम के तहत अलग-अलग मोबाइल कंपनियों के नंबरों में से 15 नंबरों को चुना गया है जिनमें से एक नंबर आपका भी है। इसी नंबर पर 25 लाख रुपए की लाटरी निकली है। दावा करने वाले व्यक्ति ने लाटरी का नंबर 065 बताया और बाद में एक और नंबर देते हुए कहा कि इस नंबर पर व्हाट्स एप कॉल करके लाटरी नंबर नोट करवाया जाए और उसके बाद उनके खाते में 25 लाख रुपए ट्रांसफर हो जाएंगे। पाकिस्तान के नंबर से भेजे गए इस आडियो मैसेज के जरिए जो नंबर दिया गया है वह दिल्ली के कीर्ति नगर के एक बैंक मैनेजर का बताया गया है। पंजाब केसरी ने उस व्हाट्स एप नंबर पर कॉल भी की लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। बताया जाता है कि यह सारा नैटवर्क ही दिल्ली से चलाया जा रहा है।

पकड़े जाने के डर से अब व्हाट्स एप का इस्तेमाल कर रहे ठग
लोगों को अपने जाल में फंसा कर ठगने वाले लोग अब व्हाट्स एप का इस्तेमाल इसलिए कर रहे हैं ताकि वे ट्रेस न हो जाएं। इससे पहले मोबाइल कॉल पर ऐसा झांसा दिया जाता था लेकिन अब मैसेज से लेकर दिल्ली के नंबर पर भी व्हाट्स एप कॉल का सहारा लिया जा रहा है। व्हाट्स एप कालिंग पर लोकेशन न आने के कारण ठग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। आडियो मैसेज में जो दिल्ली का नंबर दिया गया है उस व्हाट्स एप नंबर पर एक बैंक की डी.पी. लगी हुई है।

ओ.टी.पी. देने के बाद खाली हो जाता है बैंक खाता
यह मैसेज उन नंबरों पर ही आता है जो नंबर बैंकों में रजिस्टर्ड हों। आडियो मैसेज करके जो दिल्ली का नंबर दिया जाता है वहां से व्यक्ति उपभोक्ता के नंबर पर ओ.टी.पी. (वन टाइम पासवर्ड) भेजता है और फिर बातों में उलझाकर ओ.टी.पी. पूछा जाता है। जैसे ही ओ.टी.पी. उसे बताया जाता है तो बैंक खाते में से पैसे निकलने शुरू हो जाते हैं। बैंकों में रजिस्टर्ड नंबर इन लोगों के पास कैसे पहुंच जाते हैं इसकी जांच भी साइबर क्राइम सैल कर रहा है।

100 शिकायतों में से 10 शिकायतें निकलती हैं इसी ठगी की
जालंधर में साइबर सैल को खुले 6 माह हो चुके हैं। साइबर सैल की इंचार्ज सब इंस्पैक्टर मोनिका की मानें तो 100 में से 10 शिकायतें इसी प्रकार की उनके पास आती हैं। फिलहाल उनके पास 15 के आसपास ऐसी शिकायतें हैं लेकिन कोई ठोस इनपुट न मिलने के कारण कोई भी मामला ट्रेस नहीं हो पा रहा। उन्होंने कहा कि अगर नंबर सही में पाकिस्तान का है तो वहां से डिटेल निकलवानी नामुमकिन है लेकिन ऐसे लोग इंटरनैट के जरिए इन नंबरों का इस्तेमाल करते हैं। एस.आई. मोनिका ने कहा कि फोन नंबर, आई.डी. डिटेल या फिर लोकेशन से ऐसे रैकेट को ट्रेस किया जा सकता है।

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