खालिस्तान समर्थकों की कैप्टन को धमकी ‘हम यहीं खड़े हैं, आकर लड़ना है तो लड़ ले’

punjabkesari.in Tuesday, Nov 26, 2019 - 08:33 AM (IST)

लंदन: पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह को इंगलैंड दौरे के दौरान खालिस्तान समर्थकों के विरोध का सामना करना पड़ा रहा है। एस.एफ.जे. समर्थकों द्वारा विरोध किए जाने का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें वह प्रदर्शन कर खालिस्तान जिंदाबाद व रैफरैंडम 2020 के समर्थन में  नारे लगा रहे हैं।  दरअसल मुख्यमंत्री अमरेंद्र पंजाब में विदेशी निवेश लाने के लिए प्रयासरत हैं। 

कैप्टन के इंगलैंड दौरे से कई नाराज

कैप्टन का यहां इंगलैंड दौरा काफी अहम माना जा रहा है। हालांकि उनके दौरे को लेकर कुछ लोगों में नाराजगी भी है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले मुख्यमंत्री पंजाब ने कहा था कि वह उग्रवाद के दिनों में पंजाब से भाग कर विदेशों में जा बसे व भगौड़े घोषित किए गए आतंकियों को इंटरपोल की मदद से भारत में वापस ला जेलों में डालेंगे। वहीं विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो कै. अमरेंद्र ने इंगलैंड में स्थित इंटरपोल को पंजाब में वांछित ऐसे भगौड़े आतंकियों व गैंगस्टरों की लिस्ट भी सौंपी है।

आप्रवासी भारतीयों से कैप्टन ने की मुलाकात

बता दें कि इससे पहले एक कार्यक्रम में पंजाब के मुख्यमंत्री ने पंजाबी आप्रवासी समुदाय से मुलाकात की। मुलाकात दौरान आप्रवासी पंजाबियों ने चिंता जताई थी कि विदेशों में रहने वाले कई लोग पंजाब आने और स्वर्ण मंदिर तथा अन्य पवित्र स्थलों के दर्शन करने में असमर्थ हैं, क्योंकि उन्हें कुछ मामलों में अदालतों के सामने उपस्थित नहीं हो पाने के चलते भगौड़ा अपराधी घोषित किया गया है। इस पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि वह केंद्र से बात करेंगे कि ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, फ्रांस और अमरीका जैसे कुछ भारतीय दूतावासों में इस मामले की विशेष अदालतें स्थापित करने की संभावनाएं तलाशी जाएं।कैप्टन ने यह भी भरोसा दिया कि वह ऐसे मामलों को शीघ्र निपटाने के लिए विशेष अदालतों के गठन की कोशिश करेंगे व इस मुद्दे को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के साथ ही केंद्र सरकार के समक्ष उठाएंगे।

 मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में कोई व्यवधान पैदा करने में विफल रहे खालिस्तानी समर्थक 

वहीं जब कै. अमरेंद्र सिंह कार्यक्रम की समाप्ति के बाद अपने वाहन से जाने लगे तो कार्यक्रम स्थल के बाहर खड़े खालिस्तान समर्थक एस.एफ.जे.  के समर्थकों ने ‘खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। वहीं समर्थकों ने साफ  तौर पर मुख्यमंत्री पंजाब को धमकी देते हुए कहा, ‘‘हम यहीं खड़े हैं, आकर लडऩा है तो लड़ ले।’’ एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि केवल गिने-चुने खालिस्तानी समर्थक ही वहां एकत्रित हुए लेकिन वे मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में कोई व्यवधान पैदा करने में विफल रहे। एस.एफ.जे. का प्रदर्शन पूरी तरह से बेअसर रहा तथा यहां तक कि इसे स्थानीय सिखों का भी समर्थन हासिल नहीं हुआ। 

एस.एफ .जे.  पाक की गुप्तचर संस्था, पन्नू का एकमात्र उद्देश्य सिख समुदाय में दरार पैदा करना

ब्रिटेन के बमर्घिम शहर में पंजाब के मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जो लगभग 3 घंटे तक चला और मुख्यमंत्री भी इस दौरान वहां मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में भारतीय मूल के लोगों को सम्बोधित करते हुए एस.एफ .जे. को पाकिस्तान की गुप्तचर संस्था आई.एस.आई. द्वारा समर्थित आतंकी संगठन करार देते हुए कहा कि इसका कोई वैचारिक आधार नहीं है।  कैप्टन ने कहा कि संगठन के सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नू का एकमात्र उद्देश्य सिख समुदाय में दरार पैदा कर देश और पंजाब को विभाजित करना है। गुरुनानक के ‘ईश्वर एक हैं ’ वाले विचार की ओर इशारा करते हुए मुख्यमंत्री ने पड़ोसियों से मैत्रीपूर्ण और दोस्ताना रिश्तों की बात कही और इस बात पर जोर दिया कि लंबे समय से भारत और पाकिस्तान दोनों ने बहुत कुछ झेला है और अब सही समय है जब हम पिछली कड़वाहटों को भुलाकर दोस्ती और भाईचारे के साथ विकास के रास्ते पर आगे बढ़ें। 

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