PM मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री को खालिस्तानी आतंकी पन्नू की गीदड़ भभकी
punjabkesari.in Wednesday, Sep 13, 2023 - 02:21 PM (IST)

पंजाब डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी 20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में जब अपने समकक्ष कनाडा के पी.एम. जस्टिन टूडो से बातचीत में वहां की भारत विरोधी गतिविधियों को लेकर विरोध जता रहे थे, ठीक उसी समय पर कनाडा के ब्रिटिश कोलंबियन प्रांत सरी में गुरु नानक गुरुद्वारे में खालिस्तान रैफरैंड आयोजित कराया जा रहा था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस रेफरेंडम में सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख व आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी शिरकत की। इस दौरान पन्नू ने भड़काऊ भाषण भी दिया। उसने भारत के टुकड़े-टुकड़े होंगे के नारे लगवाए। इतना ही नहीं पन्नू पी.एम. मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को भी गीदड़ भभकी दी। पन्नू के साथ सुरक्षा गार्डों की पूरी टीम थी। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या कनाडा भारत द्वारा घोषित आतंकी को सुरक्षा दे रहा है।
बीसी गुरुद्वारा काऊंसिल ने रैफरैंडम को किया खारिज
खालिस्तान के समर्थन पर वोट रविवार को उस गुरु नानक गुरुद्वारे में आयोजित किया गया था, जहां जून में इसके पूर्व अध्यक्ष हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पहले रैफरैंडम के लिए मतदान सरी के एक स्कूल में होना था, लेकिन संबंधित निवासियों द्वारा पोस्टर पर हथियारों की तस्वीरें स्कूल अधिकारियों के ध्यान में लाए जाने के बाद इसे रद्द कर दिया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक खालिस्तानी रैफरैंडम कनाडा के आतंकी तलविंदर सिंह परमार और के. टी. एफ. प्रमुख आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर को समर्पित था, जो सरी और आसपास के क्षेत्रों की सिख आबादी को शामिल करने में विफल रहा। कनाडाई सिखों ने और बीसी गुरुद्वारा काऊंसिल द्वारा समर्थित इस जनमत संग्रह को खारिज कर दिया है। बीसी गुरुद्वारा काऊंसिल 8 खालिस्तानी गुरुद्वारा का एक निकाय है।
वोट डालने के लिए लोगों को डराया
इस अवैध रैंफरैंडम के मुख्य समर्थक गुरु नानक गुरुद्वारा, गुरुद्वारा दशमेश दरवार और गुरुद्वारा बंदा बहादुर एबॉट्सफ़ोर्ड थे। इसलिए इस गैर-कानूनी गतिविधि को जनता से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली ऐसी खबरें हैं कि आयोजकों ने बेघर लोगों और छात्रों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराकर इस अवैध जनमत संग्रह में भाग लेने का लालच दिया था।
गुरुद्वारे में नियमित रूप से आने वाले
लोगों को तथाकथित "खालिस्तान " के पक्ष में अपना "वोट" डालने के लिए डराया और धमकाया गया था। यह पूरी कवायद आयोजकों के लिए अपमानजनक साबित हुई क्योंकि अमरीका, ब्रिटेन और कनाडा से खालिस्तानियों और बेघर लोगों और छात्रों को आमंत्रित करने के बावजूद आयोजक उतनी संख्या नहीं जुटा सके, जिसका वे दावा कर रहे थे। बताया जा रहा है कि इस फर्जी जनमत संग्रह की अभूतपूर्व विफलता के कारण अब आयोजक अपनी साख बचाने के लिए 29 अक्टूबर 2023 को एक और रैफरैंडम करा रहे हैं।
पी.एम. मोदी ने उठाया खालिस्तान का मुद्दा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के. पी. एम. टूडो के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की थी। सूत्रों के मुताबिक, पी.एम. मोदी ने इस दौरान 'खालिस्तान' का मुद्दा भी उठाया। पी.एम. मोदी ने कहा, कनाडा में भारत विरोधी ताकतों पर नकेल कसनी चाहिए। हालांकि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टूडो ने कहा कि पी.एम. मोदी के साथ पिछले कुछ सालों में हमने इन मुद्दों पर कई बार बातचीत की है। कनाडा हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, अंतरात्मा की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण विरोध की स्वतंत्रता की रक्षा करेगा और यह हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है।