‘पंजाब केसरी’ की बदौलत मां-बाप के पास पहुंची नीतू, आपबीती सुन नम हो जाएंगी आपकी आंखें

punjabkesari.in Saturday, Mar 23, 2019 - 10:04 AM (IST)

फिल्लौर(भाखड़ी): ‘पंजाब केसरी’ में छपे समाचार की बदौलत आखिरकार 1 माह 4 दिन बाद गिरोह के लोगों के हाथ से सुरक्षित निकल 10 वर्ष की मासूम बच्ची अपने माता-पिता के पास घर पहुंच गई जो उसे बिहार ले जाने की कड़ी में दिल्ली ले गए थे। पहले भी ‘पंजाब केसरी’ ने एक साल के बच्चे को गिरोह के लोगों से छुड़वा कर उसे उसकी मां के पास पहुंचाया था जिसका 4 लाख में आगे सौदा हो चुका था। 

नीतू के अनुसार गिरोह के लोग जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं, उसे रस्सी से बांध कर रखते थे और पूरे दिन में एक टाइम खाना देते थे। वह माता-पिता से मिलने की जिद करती तो उसे नशीली वस्तु खिला दी जाती। वे उसे बिहार ले जाने ही वाले थे, तभी उन्हें किसी ने फोन पर बताया कि नीतू और गंगोत्री के अपहरण की खबर व उनकी फोटो अखबार में छप गई है और पुलिस बिहार रवाना हो चुकी है जिससे वे घबरा गए कि कहीं उनकी ट्रेन में पहचान न हो जाए। गत रात्रि जब सभी सो रहे थे तो वह किसी तरह से अपने हाथ में बंधी रस्सी खोलने में कामयाब हो गई और झोंपड़ी से बाहर निकल कर दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर पहुंच गई। वहां कुछ लोगों से पूछकर राजपुरा आने वाली ट्रेन में चढ़ गई तथा वहां उतरकर अपनी बुआ के घर चली गई जो उसे अपने साथ लेकर कौंसलर यशपाल गिंडा के घर गई जहां से वह पुलिस थाने पहुंची और पुलिस ने उसे उसके माता-पिता व भाई-बहन से मिलवा दिया। पुलिस स्टेशन में नीतू अपने छोटे भाई को गोद में उठाकर बेहद खुश हुई। 

गिरोह के लोग रेल लाइनों के पास लगाते हैं डेरा
नीतू ने बताया कि उसे पहले अमृतसर में रेल लाइनों के नजदीक रखा गया। गिरोह का सरगना धर्म और उसका भाई गब्बर बच्चों को साथ ले जाकर रेलवे स्टेशन और भीड़भाड़ इलाकों में लोगों की जेबें काटते हैं। वे उसे अपने साथ हरिद्वार ले गए जहां भी वह रेलवे लाइनों के नजदीक रहते रहे। जैसे ही वे अपने आपको असुरक्षित-सा महसूस करते तभी तुरंत वहां से गुजरने वाली ट्रेन में बैठ जाते। 

नीतू को खाने की चीज में दी थी बेहोशी का दवा 
गिरोह की गिरफ्त से निकल अपने माता-पिता के पास पहुंची नीतू (10) ने बताया कि गत माह 18 फरवरी को वह अपने घर के बाहर से निकलने वाली धार्मिक शोभायात्रा देखने के लिए दोपहर 3 बजे जैसे ही घर से बाहर निकली तो पड़ोस में रहने वाला धर्म और उसकी पत्नी मिले जिन्होंने उसे कुछ खाने के लिए दिया जिसे खाने के बाद वह बेहोश हो गई। उसे नहीं पता कि उसे कितने दिनों बाद होश आया। जब उसे होश आया तो वह अमृतसर में थी। 

पुलिस गिरोह को पकडऩे दिल्ली रवाना
नीतू को सही-सलामत उनके परिजनों के हवाले करते हुए थाना प्रभारी इंस्पैक्टर प्रेम सिंह ने बताया कि नीतू द्वारा दिल्ली के बताए पते पर गिरोह के लोगों को पकडऩे और दूसरी ब‘ची गंगोत्री को छुड़वाने के लिए पुलिस की एक टीम दिल्ली रवाना हो चुकी है। जल्द ही उस बच्ची को सकुशल छुड़वाकर परिवार वालों के हवाले कर दिया जाएगा।

गिरोह के कब्जे में एक और बच्ची 
नीतू ने बताया कि बच्चा चुराने वाले इस गिरोह के पास उसी के मोहल्ले की रहने वाली उसकी सहेली गंगोत्री भी उन्हीं के पास है जिसे उन्होंने डेढ़ महीना पहले उठाया था, उसे भी वे रस्सियों से बांध कर रखते हैं। वे लोग उन्हें केवल इतना ही बताते थे कि जल्दी ही वे उन दोनों की शादी करवाएंगे। अगर उन्होंने रास्ते में शोर मचाया या किसी को कुछ बताया तो वे उनकी जुबान काट देंगे जिस कारण वे डरी-सहमी चुपचाप उन लोगों के पास बैठी रहतीं। 

Vatika