3 आतंकियों को मार सीने पर खाई थी गोली, अब ऐसे किया जाता है याद

punjabkesari.in Wednesday, Jan 09, 2019 - 06:44 PM (IST)

सुजानपुर(हीरा लाल, साहिल): पंजाब की भूमि उन शहीदों की जन्मस्थली है, जिन्होंने अपने प्राण न्यौछावर कर शहादत का जाम पीते हुए, जहां भारत माता की प्रतिष्ठा में वृद्धि कर देश का मस्तक ऊंचा किया, वहीं अपने शौर्य से दुश्मन के नापाक इरादों को नेस्तानाबूद कर अपना नाम इतिहास के पन्नों में सुनहरी अक्षरों में अंकित करवाया। एेसे ही शहीदों की लाइन में एक नाम गांव नारायणपुर के लै. गुरदीप सलारिया का है, जिन्होंने 23 वर्ष की अल्पायु में ही अपने 25 साथी सैनिकों के प्राणों की रक्षा करते हुए शहादत का जाम पिया था।

लै. गुरदीप में कूट-कूट कर भरी देशभक्ति  की भावना
इस शूरवीर योद्धा के जीवन संबंधी जानकारी देते हुए शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंद्र विक्की ने बताया कि लै. गुरदीप सलारिया का जन्म 28 फरवरी 1973 को पिता कर्नल सागर सिंह सलारिया व माता तृप्ता सलारिया के घर हुआ। सैन्य परिवार से होने के चलते उनमें देशभक्ति  की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी। वह 1994 में एन.डी.ए. की ट्रेङ्क्षनग पूरी कर अपने पिता की यूनिट 23 पंजाब में अफसर बनकर देश सेवा में जुट गए। 19 जनवरी 1996 को जब उनकी यूनिट जम्मू-कश्मीर के पुलवामा सैक्टर में तैनात थी तो इन्हें पंंजगांव नामक जगह पर आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली।

3 आतंकियों को मार कर पिया था शहादत का जाम
लै. गुरदीप सलारिया अपनी सैन्य टुकड़ी का नेतृत्व करते हुए चीते की तरह दुश्मन पर टूट पड़े तथा 3 आतंकियों को मार गिराया। इसी बीच दुश्मन की एक गोली इनके सीने को भेदते हुए निकल गई, जिससे इस वीर योद्धा ने शहादत का जाम पी लिया। इनकी इस बहादुरी के लिए देश के तत्कालीन राष्ट्रपति ने इन्हें परणोपरांत शौर्य चक्र से नवाजा। कुंवर विक्की ने बताया कि इस जांबाज सैनिक की शहादत को नमन करने के लिए 10 जनवरी को तारागढ़ में इनके नाम पर बने सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया जाएगा, जिसमें कई गण्यमान्य लोग व सैन्याधिकारी शामिल होकर शहीद को श्रद्धासुमन अॢपत करेंगे। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर शहीद को समॢपत फ्री मैडीकल कैंप भी लगाया जाएगा। 

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