पाकिस्‍तान में बैसाखी मनाने गई किरण बाला के मामले ने पकड़ा तूल

punjabkesari.in Monday, May 14, 2018 - 09:31 AM (IST)

अमृतसर(अनजान): शिरोमणि कमेटी द्वारा बैसाखी पर पाकिस्तान के गुरुधामों के दर्शनों के लिए गए जत्थे में शामिल किरण बाला के वहां रह पर विवाह करवा लेने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। चाहे शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने किरण बाला के नाम की सिफारिश करने वाले सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब के मैनेजर सुलखण सिंह भंगाली का तबादला करते हुए उनकी जगह जसविन्द्र सिंह दीनपुर को श्री हरिमंदिर साहिब का मैनेजर लगा दिया है परन्तु मामला केवल अधिकारियों के तबादले करने तक ही खत्म नहीं हो जाता।

कहीं किरण बाला का संबंध आई.एस.आई. के साथ तो नहीं 
इस प्रकार जत्थे के साथ एक महिला द्वारा अपने बच्चों को छोड़ कर वहां जाकर किसी मुसलमान के साथ विवाह करवा लेना और फिर साजिश के चलते वहीं पर अपना रहने का इंतजाम कर लेना कोई छोटी-मोटी घटना नहीं है। शक की सुई यहां भी जाती है कि कहीं किरण बाला का संबंध पाकिस्तानी खुफिया एजैंसी आई.एस.आई. के साथ तो नहीं है। यह जहां दोनों देशों की खुफिया एजैंसियों की लापरवाही है जो दोनों सरकारों की आंखों में धूल झोंक रही हैं वहीं अपने अकाली आकाओं को खुश करके बड़े पद हासिल करने के लिए गलत लोगों की सिफारिशें करना भी सिखों की सिरमौर संस्था के सम्मान को ठेस पहुंचाने के बराबर है। 

किसी अजनबी से इंटरनैट पर करती थी बातचीत किरण बाला 
इस बारे जब लोक इंसाफ पार्टी के सीनियर वाइस प्रैजीडैंट जगजोत सिंह खालसा के साथ बातचीत की गई तो उन्होंने कहा यह ठीक है कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी जब किसी यात्री का पासपोर्ट पर वीजा लगाने के लिए भेजती है तो दोनों सरकारों की खुफिया एजैंसियों का यह फर्ज बनता है कि वे हर एक यात्री की अच्छी तरह जांच करके फिर वीजा दे। उन्होंने कहा यह साबित हो चुका है कि किरण बाला पिछले लम्बे समय से पाकिस्तान में रहते किसी अजनबी व्यक्ति के साथ इंटरनैट पर बातचीत करती थी। फिर भी दोनों मुल्कों की एजैंसियों द्वारा जानबूझ कर लापरवाही कर जाना उनकी नालायकी साबित करता है। उन्होंने कहा कि राजनीती पर धर्म का कुंडा नहीं बल्कि धर्म पर राजनीति का कुंडा रखा है। 

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को रहना चाहिए सतर्क 
शिरोमणी कमेटी के पूर्व महासचिव और पंथक फ्रंट के कन्वीनर सुखदेव सिंह भौर ने कहा कि किरण बाला मामले में सैंटर सी.आई.डी. पर सैंटर की एजैंसियां की नालायकी साबित होती हैं। उन्होंने कहा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के  मैंबर कभी भी किसी अकेली महिला के वीजा के लिए सिफारिश नहीं करता और न ही किसी अकेली महिला को कमरा दिया जाता है। इसके पीछे किसका हाथ है जांच कमेटी के लिए यह जानना बहुत जरूरी बन जाता है। उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी को आगे से सतर्क होकर और पूरी छानबीन के बाद ही किसी श्रद्धालु के वजा की सिफारिश करनी चाहिए। जब शिरोमणि कमेटी के मैंबर और किरण बाला मामले के लिए बनाई गई सब-कमेटी के मैंबर एड. भगवंत सिंह सियालका के साथ फोन पर बात हुई तो उन्होंने कहा कि इस मामले बारे कुछ दस्तावेज मंगवाए जा चुके हैं और कुछ और रह गए हैं। बहुत जल्दी यह रिपोर्ट शिरोमणि कमेटी प्रधान को सौंप दी जाएगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सुलक्खण सिंह भंगाली को प्रधान साहिब ने बदला है इस बारे उन्हीं से पूछें कि उन्हें क्यों बदला गया है।

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