कुंवर विजय प्रताप के हक में डटी कैप्टन सरकार, चुनाव आयोग को भेजा जवाब

punjabkesari.in Friday, Jun 14, 2019 - 08:35 AM (IST)

जालंधर(धवन): पंजाब सरकार धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के मामलों तथा गोलीकांड की जांच कर रही एस.आई.टी. के सदस्य कुंवर विजय प्रताप सिंह के हक में डट गई है। सरकार ने विशेष जांच टीम के सदस्य कुंवर विजय प्रताप सिंह के तबादले के मामले में चुनाव आयोग के निर्देशों की पालना करने की बात कही है। गृह विभाग द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार मुख्य सचिव करण अवतार सिंह ने राज्य सरकार की ओर से अपना जवाब चुनाव आयोग को भेज दिया है। 

चुनाव आयोग के आदेशों की हुई पालना
सरकारी सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट में सरकार ने दावा किया है कि चुनाव आयोग द्वारा शिरोमणि अकाली दल की शिकायत पर आई.जी. कुंवर विजय प्रताप सिंह का तबादला करने के निर्देश दिए गए थे। निर्देशों की पालना करते हुए आई.जी. कुंवर विजय प्रताप को काऊंटर इंटैलीजैंस अमृतसर में तैनात कर दिया गया था। राज्य सरकार का कहना है कि कमिशन ने इस अधिकारी को एस.आई.टी. के सदस्य के तौर पर हटाने के लिए नहीं कहा था, बल्कि उन्हें मीडिया से इस तरह की बात करने से रोका था। सरकार की रिपोर्ट  में  कहा गया है कि  चुनाव  आयोग  के  निर्देशों  के बाद  लोकसभा  चुनाव  के  दौरान चुनाव आयोग के आदेशों की पूरी तरह से पालना की गई । एस.आई.टी. के सदस्य ने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की। 

पंजाब सरकार ने अकाली दल के आरोपों को किया खारिज
सरकार ने  शिरोमणि  अकाली दल के तमाम आरोपों को खारिज कर दिया है और कहा है कि गोलीकांड के  मामले  में  तैयार  आरोप पत्र पर  23  मई को एस.आई.टी. के सदस्य के  रूप  में  कुंवर  विजय प्रताप ने केवल हस्ताक्षर  ही  किए थे परन्तु आरोप पत्र आदर्श आचार चुनाव  संहिता  के  खत्म  होने  के बाद  27  मई को  ही  अदालत में दाखिल किया गया। उल्लेखनीय है कि पंजाब सरकार ने चुनाव आयोग के निर्देशों पर आई.जी. कुंवर विजय प्रताप को आई.जी. क्राइम व संगठित अपराधों की रोकथाम के लिए बनाए गए यूनिट के प्रमुख के पद से हटा कर आई.जी. काऊंटर इंटैलीजैंस के तौर पर तैनात करने के निर्देश 8 अप्रैल को जारी किए थे।  

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