कुंवर विजय प्रताप मामले में पंजाब सरकार ने चुनाव आयोग से मांगी माफी

punjabkesari.in Friday, Jul 26, 2019 - 08:27 AM (IST)

चंडीगढ़(अश्वनी): पंजाब सरकार ने आई.जी. कुंवर विजय प्रताप सिंह के मामले में भारत निर्वाचन आयोग से माफी मांगी है। चीफ सैक्रेटरी करण अवतार सिंह ने आयोग को बिना शर्त क्षमा याचना पत्र भेजा है। आयोग ने याचना को स्वीकार कर कड़ी नाराजगी भी जताई है। आयोग ने चीफ सैक्रेटरी को भेजे पत्र में कहा है कि पंजाब सरकार के रवैये से आयोग खासा नाराज है क्योंकि एस.आई.टी. सदस्य कुंवर विजय प्रताप सिंह के मामले को सरकार ने गैर जिम्मेदाराना और घमंड भरे लहजे के साथ हैंडल किया है। राज्य सरकार सुनिश्चित करे कि ऐसी चूक दोबारा न हो। आयोग ने संदेह जताया कि लोकसभा चुनाव दौरान अधिकारियों ने मामले संबंधी मुख्यमंत्री को ‘ब्रीफिंग’ की भी थी या नहीं।

बेअदबी मामले में गठित एस.आई.टी. के सदस्य हैं कुंवर 
आई.जी. कुंवर विजय प्रताप बेअदबी मामले में गठित एस.आई.टी. के सदस्य हैं। लोकसभा चुनाव दौरान शिरोमणि अकाली दल ने कुंवर विजय प्रताप को लेकर आयोग से शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया था कि कुंवर विजय प्रताप आधिकारिक पद का दुरुपयोग कर रहे हैं और चुनाव प्रक्रिया दौरान सनसनीखेज व राजनीतिक बयानबाजी कर रहे हैं। इस पर आयोग ने कुंवर विजय प्रताप को तत्काल एस.आई.टी. के सदस्य पद से मुक्त करने के निर्देश दिए थे।

इस बाबत चीफ सैक्रेटरी स्तर पर 8 अप्रैल को सौंपी कम्पलायंस रिपोर्ट में कहा गया था कि आई.जी. कुंवर विजय प्रताप को आई.जी. (क्राइम), ब्यूरो ऑफ इन्वैस्टीगेशंस, आई.जी. आर्गेनाइज्ड क्राइम कंट्रोल यूनिट से हटाकर आई.जी. काऊंटर इंटैलीजैंस, अमृतसर तैनात कर दिया गया है। यह भी कहा था कि कुंवर विजय प्रताप को चुनाव से संबंधित किसी जिम्मेदारी से भी दूर रखा गया है।  बावजूद इसके 4 जून को शिअद प्रतिनिधिमंडल ने दोबारा शिकायत की कि पंजाब सरकार ने कुंवर विजय प्रताप मामले में आयोग को गुमराह किया है क्योंकि आयोग का आदेश जारी होने के बावजूद वह एस.आई.टी. सदस्य बने हुए हैं। आयोग ने मामले पर पंजाब सरकार से जवाब तलब किया था जिस पर अब चीफ सैक्रेटरी ने बिना शर्त क्षमा याचना की है।

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