लाडोवाल टोल प्लाजा पर धरने का ग्रहण, कांग्रेसियों ने उठाया तो ट्रक ड्राइवरों ने लगाया

punjabkesari.in Sunday, Mar 10, 2019 - 08:26 AM (IST)

फिल्लौर(भाखड़ी): लगता है लाडोवाल टोल प्लाजा पर धरने का ग्रहण लग गया है। कांग्रेस द्वारा लगाया गया धरना उठाने के बाद जब टोल प्लाजा पुन: चालू हो गया तो इसी बीच टोल मांगने पर ट्रक ड्राइवरों ने चक्का जाम कर कई किलोमीटर लंबा जाम लगा दिया। गौरतलब है कि लुधियाना से सांसद रवनीत सिंह बिट्टू, प्रदेश कांग्रेस के मंत्री भारत भूषण आशु और कांग्रेसियों द्वारा टोल प्लाजा पर गत दिवस धरना लगाकर उसे बंद कर दिया गया था।

रवनीत बिट्टू व मंत्री आशु ने कहा था कि रोजाना 50 लाख रुपए टोल टैक्स वसूलने के बावजूद लाडोवाल टोल प्लाजा द्वारा न तो सड़कों का सही तरह से निर्माण किया जा रहा है और न ही लुधियाना के प्रमुख जोधेवाल बस्ती, शेरपुर चौक, मोहन देई अस्पताल के पास पुल बनाए जा रहे हैं। सांसद ने कहा था जब काम नहीं तो टोल नहीं, 30 घंटे लगातार टोल बंद रहने के बाद गत दिवस शाम 4 बजे टोल प्लाजा की ठेकेदार कंपनी सोमा आइसोलैक्स और नैशनल हाईवे अथारिटी के अधिकारी धरनास्थल पर पहुंचे यहां मंत्री आशु द्वारा ए.डी.सी. को बुलाया गया।

सरकारी अधिकारियों की अध्यक्षता में कंपनी के अधिकारियों ने आश्वासन दिलाया कि 10 अप्रैल से एक पुल का निर्माण कार्य शुरू करवा दिया जाएगा और शेष बचे पुलों व सड़कों का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा। नैशनल हाईवे अथॉरिटी के अधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि अगर कंपनी काम करने में देरी करती है तो इनसे कांट्रैक्ट वापस ले लिया जाएगा।उच्चाधिकारियों की अध्यक्षता में आश्वासन दिलवाने के पश्चात फिर से शुरू होने के बावजूद टोल प्लाजा संचालक कंपनी को 50 लाख रुपए से अधिक नुक्सान उठाना पड़ा। 

ट्रक ड्राइवरों के विरोध के बाद फिर बुलानी पड़ी पुलिस
सांसद बिट्टू और मंत्री आशु तो प्लाजा अधिकारियों से मिले आश्वासन के बाद धरना समाप्त कर चले गए लेकिन जैसे ही टोल प्लाजा खोल कर्मियों ने टोल वसूलना शुरू किया तो ट्रक ड्राइवरों व जनता ने टोल देने से साफ  मना कर दिया। इस बीच प्लाजा कहा-सुनी शुरू हो गई। माहौल तनावपूर्ण होता देख टोल प्लाजा पर दोबारा पुलिस फोर्स मंगानी पड़ गई। ट्रक ड्राइवरों पर जब टोल देने के लिए दबाव बनाया गया तो उन्होंने अपने ट्रक प्लाजा पर खड़े कर दिए जिससे हाईवे के दोनों तरफ  3 किलोमीटर लंबा जाम लग गया जिसमें फंसे कई मरीजों सहित जनता प्लाजा कर्मियों के साथ ही नेताओं को भी कोस रही थी। लोगों का कहना था कि अगर राजनीतिक नेताओं ने एक दिन बाद ही धरना उठाना था तो फिर टोल प्लाजा पर धरना दिया ही क्यों था।  

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