पंजाब वीर मार्शल परंपराओं की भूमि - राजनाथ सिंह

punjabkesari.in Saturday, Dec 19, 2020 - 09:57 AM (IST)

चंडीगढ़ (अश्वनी): केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उन महान योद्धाओं को मिलिट्री लिटरेचर फैस्टीवल (एम.एल.एफ.) 2020 समर्पित किया, जिन्होंने मातृभूमि की सेवा में सर्वोच्च बलिदान दिया है।

एक वर्चुअल समारोह के माध्यम से उद्घाटन करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि एम.एल.एफ. जैसा कार्यक्रम केवल पंजाब में आयोजित किया जा सकता है, जो वीर मार्शल परम्पराओं की भूमि है। उन्होंने कहा कि रक्षा संस्कृति और परंपराओं के उत्सव का यह त्यौहार अगर कहीं मनाया जा सकता है तो वह पंजाब ही है। हमारे युवाओं को, जो सेना में भर्ती होने की चाह रखते हैं, सेना की संस्कृति की एक झलक पेश करने के लिए यह एक उपयुक्त मंच है। रक्षा मंत्री ने लोगों को, विशेष रूप से युवाओं से आग्रह किया कि जरूरत के समय में एक सुरक्षित ढाल के रूप में कार्य करने के लिए जीवन की रक्षा के तरीकों से खुद को परिचित करवाएं। उन्होंने कहा कि मोबाइल मिसाइल की तरह ही शक्तिशाली है और युवाओं को साइबर, जैविक और सूचना क्षेत्र में अग्रणी अनुसंधान द्वारा सेनाओं का साथ देना चाहिए। 

एम.एल.एफ. 2020 के लिए जय जवान जय किसान, रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और बॉलीवुड जैसे चुने गए व्यापक विषयों की प्रशंसा करते हुए रक्षा मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह मंच व्यापक क्षेत्रीय और राष्ट्रीय महत्व के लिए सार्थक बातचीत प्रदान करता रहेगा। इस बार का एम.एल.एफ. और भी विशेष है क्योंकि देश पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध की स्वर्ण जयंती मनाने जा रहा है।

अनादिकाल से ही सैन्य घटनाओं का खजाना रहा है - बदनौर
राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर ने कहा कि पंजाब के क्षेत्र की समृद्ध मार्शल परम्पराओं को देखते हुए, यह आश्चर्य की बात नहीं है कि यह क्षेत्र अनादिकाल से सैन्य घटनाओं का खजाना रहा है। इस प्रकार यह सैन्य आक्रमणों, अभियानों की असीमित कहानियों सहित युद्धों के मैदानों के शौर्य प्रदर्शनों, बलिदानों और घटनाओं की बहुतायत से भरा पड़ा है जिसने न केवल क्षेत्र, बल्कि पूरे देश को एक सकारात्मक दिशा प्रदान की है। बदनौर ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उन सभी का जिन्होंने एम.एल.एफ. 2020 फैस्ट को लगातार सफल बनाया, धन्यवाद किया। मुख्यमंत्री के वरिष्ठ सलाहकार लैफ्टिनैंट जनरल टी.एस. शेरगिल (सेवामुक्त) ने अपार समर्थन प्रदान करने के लिए मुख्यालय पश्चिमी कमान की सराहना की।

वायुसेना के माहिरों ने चीन की वायु शक्ति संबंधी किया विचार-विमर्श
मिलिट्री लिटरेचर फैस्टीवल के चौथे भाग के पहले दिन चीन की वायु शक्ति संबंधी व्यापक चर्चा की गई जिसका संचालन वायुसेना के पूर्व प्रमुख बी.एस. धनोआ ने किया। चर्चा में ए.वी.एम. अर्जुन सुब्रमण्यम,ग्रुप कैप्टन रवीन्द्र छतवाल और डा. मिंग-शिह शेन शामिल थे। वायुसेना के पूर्व प्रमुख ने वायुसेना में बड़े हथियारों की भूमिका बारे विचार-विमर्श कर चर्चा की शुरूआत की। 

उन्होंने चीन की सरहद के साथ लगते भारत के इलाके की झलक पेश की। ताइवान के डाक्टर मिंग-शिह शेन ने जमीनी हमला कर रहे बॉम्बर्स और वायु हमले की शुरूआत करने में तोपखाने की महत्ता संबंधी रोशनी डाली। दो किताबों के लेखक अर्जुन सुब्रमण्यम ने निजी तजुर्बों के आधार पर भारत और चीन के टकराव की संभावना बारे बात की। 

Tania pathak