बार्डर एरिया में गैप्स को भरने में कारगर सिद्ध हुई ‘लेजर वॉल’

punjabkesari.in Tuesday, Apr 17, 2018 - 05:13 PM (IST)

जालंधर(धवन): पंजाब की पाकिस्तान से लगती 553 कि.मी. लंबी सीमा रेखा में मौजूद गैप्स को भरने में अब लेजर वॉल कारगर सिद्ध हुई है। सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ.) के अधिकारियों ने बताया कि पंजाब में नदी तटीय क्षेत्रों में कंटीली बाड़ लगाना संभव नहीं था, जिस कारण बी.एस.एफ. ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय से आग्रह करके इन क्षेत्रों में गैप्स को भरने के लिए लेजर वॉल लगाई।

अधिकारियों का मानना है कि सभी नदी तटीय क्षेत्रों को लेजर वॉल लगाकर सुरक्षित कर दिया गया है। अगर सीमा पार से कोई आतंकी या घुसपैठिया या नशीले पदार्थ लेकर आ रहा तस्कर गैप्स के क्षेत्र से प्रवेश करने की कोशिश करेगा तो तुरन्त अलार्म बजना शुरू हो जाएगा, जिससे सीमा के निकट डयूटी दे रहे बी.एस.एफ. के जवान अलर्ट हो जाएंगे। लेजर वॉल के साथ साथ कुछ स्थानों पर इन्फ्रारैड (आई.आर.) वॉल भी स्थापित की गई है। लेजर वॉल का पता लगाने वाली तकनीक पिछले कुछ समय में घुसपैठियों के हाथ लग गई थी, जिसके बाद कई स्थानों पर इन्फ्रा रैड (आई.आर.) को स्थापित किया गया।

पठानकोट में जब आतंकियों ने हमला बोला था, तो आतंकियों के सीमा पार से आने की सूचनाएं मिली थीं परन्तु बी.एस.एफ. ने इसको पूरी तरह से नकार दिया था। अब गुरदासपुर सैक्टर में पड़ते पूरे सीमावर्ती क्षेत्रों में आते गैप्स को लेजर वॉल या आई.आर. वॉल से पूरी तरह से सील कर दिया गया है। बी.एस.एफ. सूत्रों ने बताया कि लेजर वॉल के लगने के बाद से सीमा पार से हैरोइन व अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी में रोक लगी है। लेजर वॉल केवल नदी तटीय क्षेत्रों में पाए जाने वाले गैप्स पर लगी है तथा इन गैप्स के रास्ते से ही सीमा पार से नशीले पदार्थ या हथियार भेजे जाते थे। लेजर वॉल की खूबी यह है कि सीमा पार से कोई भी वस्तु अगर भारतीय क्षेत्र में भेजी जाती है तो वह तुरन्त पकड़ में आ जाती है। लेजर वॉल के तहत सैंसर जगह जगह पर स्थापित किए गए हैं।

 

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