चपरासी बनने के लिए B.A व B.TECH धारकों की लगी लाइन, 6 पदों के लिए 9 हजार अावेदन

punjabkesari.in Monday, May 21, 2018 - 03:50 PM (IST)

होशियारपुर(अमरेन्द्र मिश्रा):  जिला होशियारपुर की अदालतों में चपरासी के 6 पदों पर भर्ती के लिए पंजाब के विभिन्न जिलोंं से 9 हजार से भी अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया है। इन पदों के लिए आवेदन करने वाले ’अधिकतर उम्मीदवार आई.टी. डिप्लोमाधारक, ग्रैजुएट,पोस्ट ग्रैजुएट्स ही नहीं बल्कि बी.टैक डिग्री होल्डर है। 

जानकारी के मुताबिक इन पदों पर भर्ती के लिए न्यूनतम योग्यता पंजाबी बोलनी, लिखनी और मैट्रिक पास होना जरुरी था। राज्य सरकार के आदेशों के अनुसार, चयनित उम्मीदवार को 3 साल के लिए 6,200 रुपए का मूल ग्रेड वेतन मिलेगा। इन 6 पदों में से 3 पद सामान्य उम्मीदवारों के लिए हैं, दो पूर्व सर्विसमैन व 1 पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित है। 

सुबह से ही लग जाती है लंबी कतारें
अदालत परिसर में अल्फाबैटिक नाम के हिसाब से उम्मीदवारों का चयन साक्षात्कार के माध्यम द्वारा किया जा रहा है। सुबह से ही उम्मीदवारों की लंबी कतारे लगने से अदालत परिसर में दिनभर काफी चहल-पहल दिखी। साक्षात्कार 4 दिनों तक चलेगी। उम्मीदवारों ने कहा कि उन्हें साक्षात्कार में योग्यता, अभिभावक, आवासीय पता और किसी भी आपराधिक मामले सहित उनके व्यक्तिगत विवरण के बारे में पूछा गया। उम्मीदवारों को साक्षात्कार की तारीख पर उनकी मूल प्रशंसापत्र, दस्तावेजों की फोटोकॉपी, और फोटो आईडी, प्रमाण लाने के लिए कहा गया था

मेरे पास कोई विकल्प भी तो नहीं है
तलवाड़ा के रहने वाले सिविल इंजीनियर अजय कुमार का कहना है कि मैं अभी बी.टैक. कर निकला हूं औऱ मुझे नौकरी की जरुरत है। मैंने कई जगह जॉब के लिए इंटरव्यू दिए हैं लेकिन किसी भी जगह 10,000 महीने सैलरी से ज्यादा वाली जॉब नहीं मिली। इसलिए मैंने इस पोस्ट के लिए अप्लाई किया है क्योंकि अगर मुझे यह नौकरी मिलती है तो मेरा भविष्य सुरक्षित हो जाएगा। उनका कहना है कि मुझे पता है कि यह नौकरी मेरी योग्यता के हिसाब से मेरे लिए नहीं है लेकिन मेरे पास कोई और विकल्प नहीं है।

सरकारी नौकरी चाहे चपरासी की मिल जाए
तरनतारन जिले के उम्मीदवार अभिषेक ने बताया कि वह एम.ए.हिंदी है। बेरोजगारी के चलते उसने चपरासी पद के लिए आवेदन किया है। कई जगह प्राइवेट जॉब की है। वहां जॉब से संतुष्टि नहीं मिली। नौकरी तो सरकारी होनी चाहिए, बेशक चपरासी की हो।

चपरासी भी तो इंसान है
बठिंडा से आए उम्मीदवार अनीश ने खुद को एम.ए., बी.एड. बताते हुए कहा कि बेरोजगारी के कारण उन्होंने चपरासी की जॉब के लिए आवेदन किया है। वैसे चपरासी इंसान ही तो होते हैं। इंसान को चोरी या ठगी नहीं करनी चाहिए। नेकदिल से काम करने में बुराई क्या चाहे पद चपरासी ही का क्यों ना हो। मुझे कोई झिझक नहीं है और ना ही जिंदगी से कोई गिला है।

कोई भी नौकरी मिल जाए
मुकेरियां के नजदीकी गांव के अजय कुमार ने बताया कि वह एम.ए.बी.एड. है। देश में बेरोजगारी बहुत ’ज्यादा है। सरकारी नौकरी में सारी जिंदगी की रोटी सुनिश्चित हो जाती है। इसलिए चपरासी पद के लिए आवेदन किया है।

बंधुआ जॉब से बेहतर चपरासी जॉब  
पटियाला जिले से आई एक युवती ने बताया कि एम.ए. के बाद बी.एड. कर निजी स्कूल में नौकरी कर रही हूं। निजी स्कूल इतना अधिक शोषण करते हैं जहां टीचिंग कर घर नहीं चलाया जा सकता। सरकारी नौकरी सबसे बेहतर होती है। जिसमें जॉब सुरक्षित रहती है। काम कोई छोटा बड़ा नहीं होता। निजी स्कूलों के बंधुआ मजदूर बनने से अच्छा तो चपरासी जॉब है।


 

Vaneet