लॉकडाऊन के नियमों का ठेकों पर नहीं कोई असर, रात्रि साढे 10 बजे खुले रहते हैं शराब के ठेके
punjabkesari.in Monday, Jun 15, 2020 - 04:18 PM (IST)
जलालाबाद (सेतिया) कोरोना महामारी के बढ़ते कदमों के कारण सरकार द्वारा समय समय अपने फैसलों में बदलाव करना पड़ रहा है। हालात यह हैं कि पहले काफी समय कर्फ्यू/लॉकडाऊन रहने के बाद सरकार ने अनलॉक की प्रक्रिया शुरु कर दी थी परंतु अब कोरोना के बढते मरीजों की गिनती को देखकर सरकारों ने फिर से लॉकउाऊन लगाना पड रहा है। सरकार ने वीकएंड व पब्लिक होली डे पर पूर्ण लॉकडाऊन का फैसला लिया है जिसमें जरुरी वस्तुओं को छोड़कर बाजार बंद रखने संबंधी आदेश जारी है। परंतु जलालाबाद शहर में रात्रि साढे 10 बजे तक शराब के सरेआम खुले ठेके पंजाब सरकार व जिला प्रशासन के नियमों की धज्जियां उडाते दिखाई दे रहे हैं।
इस संबंधी जब रात्रि करीब साढे 10 बजे फाजिल्का फिरोजपुर रोड पर नया बस स्टैंड, पुराना बस स्टैंड, दाना मंडी के सामने, गुमानी वाला चौंक का दौरा किया गया तो यहां शराब के ठेके खुले हुए थे। गुमानी वाला चौंक जब शराब का ठेका खुला होने पर करिंदे को पूछा तो उसने कहा कि ठेकेदार से फोन पर बात करो, परंतु जब फोन पर बात करने से मना किया तो धमकियां देनी शुरु कर दी। जिसके बाद यह मामला जिला फाजिल्का के एसएसपी के ध्यान में लाया तो शराब ठेकेदारों के करिंदे ठेका बंद करके फरार हो गए।
बता दें कि सरकारी आदेशों की पालना करवाने के लिए पुलिस प्रशासन बाजारों में काफी सख्ती रख रहा है। समयबंदी अनुसार दुकानों को बंद करवाया जा रहा है व साथ ही नियम तोडऩे वालों के चालान भी काटे जा रहे हैं परंतु दूसरे ओर यदि देखा जाए तो प्रशासनिक आदेशों के अनुसार रात्रि करीब 8 बजे तक शराब ठेकेदारों को दुुकानें खोलने की अनुमति है परंतु इधर पुलिस प्रशासन की नजर नहीं जा रही और न ही एकसाइज विभाग नियमों को लेकर सख्ती दिखा रहा है।
उधर समाज सेवी जसविंदर वर्मा का कहना है कि सरकारी निर्देश सभी के लिए एक बराबर होने चाहिए परंतु आम दुकानदार का धक्के से शटर बंद करवा दिया जाता है परंतु शराब बेचने वालों पर पुलिस मेहरबान दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि यदि 7 बजे के बाद दुकानें बंद हो सकती है तो फिर 8 बजे तक शराब के ठेके बंद क्यों नहीं हो सकते हैं। उधर शहर के कुछ ओर लोगों ने कहा कि यदि समयबंदी के बाद ठेके खुले तो वह भी दुकानें खोलेंगे व सरकार व प्रशासन की पक्षपात की नीति के खिलाफ रोष प्रदर्शन करेंगे। उधर एक्साइज विभाग के ऐटीसी रुमाना से बातचीत की गई तो उन्होंने नीचले स्तर पर अफसरों से बातचीत करने को कहा। उन्होंने कहा कि दुकानें बंद करवाने की जिम्मेवारी पुलिस प्रशासन की है।