स्थानीय निकाय मंत्री ब्रह्म महिंद्रा अपने चहेते पटियालवी अफसर को देना चाहते हैं एक्सटैंशन

punjabkesari.in Saturday, Jun 29, 2019 - 12:51 PM (IST)

चंडीगढ़/जालंधर(चोपड़ा) : स्थानीय निकाय विभाग के मंत्री का पद मिलने के बाद ब्रह्म महिंद्रा ने नियमों को ताक पर रख कर अपने चहेतों को लाभ देने शुरू कर दिए हैं।  सूत्रों के अनुसार कैबिनेट मंत्री ब्रह्म महिंद्रा अपने एक चहेते पटियालवी अफसर को एक्सटैंशन देना चाहते हैं। पटियाला नगर निगम में सुपरिंटैंडिंग इंजीनियर (एस.ई.) की पोस्ट पर तैनात इंजी. एम.एम. स्याल 30 जून को रिटायर होने जा रहे हैं। 29 और 30 जून को क्योंकि शनिवार और रविवार की सरकारी छुट्टी है, इसलिए नियमों के अनुसार इंजी. स्याल को  रिटायरमैंट देनी बनती थी परन्तु उसे रिटायर नहीं किया गया और एक्सटैंशन देने के लिए फाइल चल रही है। 

सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार मंत्री ने विभाग के अफसर को आदेश जारी किए हैं कि हर हालत में स्याल को एक्सटैंशन दी जाए। इस संबंधी विभाग के अफसरों ने अपनी लिखित रिपोर्ट दी थी कि इंजी. स्याल के खिलाफ 2 चार्जशीटें पैंडिंग हैं और विजीलैंस केस भी पैंङ्क्षडग है, लिहाजा उसे एक्सटैंशन नहीं दी जा सकती परन्तु अपने चहेते अफसर को हर हालत में नौकरी में 2 साल के वृद्धि की एक्सटैंशन दिलाने के लिए उन्होंने फाइल शुरू करवा दी। स्थानीय निकाय विभाग की हर ब्रांच से इंजी. स्याल की फाइल पर नैगेटिव कमैंट लिख कर गए हैं। फाइल अब मंत्री के पास है। सूत्रों के अनुसार मंत्री विभाग के अफसरों की तरफ से भेजी गई रिपोर्टों को दरकिनार करके उसे एक्सटैंशन देना चाहते हैं। 

एक्सियन से एस.ई. बनाते समय भी ताक पर रखे गए थे नियम
दिलचस्प बात तो यह है कि कांग्रेस सरकार बनने के बाद इंजी. स्याल को जब एक्सियन से एस.ई. बनाया गया था, उस समय भी नियमों को ताक पर रखा गया था। विभाग ने लिख कर भेजा था कि स्याल के खिलाफ चार्जशीटें पैंडिंग हैं, लिहाजा उसे एक्सटैंशन नहीं दी जा सकती परन्तु पंजाब की सरकार पर पटियाला का प्रभाव रसूख काफी है, इसलिए इस पटियालवी अफसर को लाभ देने के लिए चार्जशीटों वाली फाइलें ही गुम करवा दीं। इस बात का पता तब लगा जब नगर निगम जालंधर में तैनात विभाग के जालंधर नगर निगम में तैनात ड्राफ्ट्समैन जसपाल सिंह और पटियाला की डीलवाल कालोनी निवासी राजेश शर्मा ने इंजी. स्याल की प्रमोशन संबंधी आर.टी.आई. मांगी, जिसके जवाब में विभाग ने अपने पत्र नं. 15 /12 /19 -2 सास 1/402 तारीख 15 मार्च 2019 में जवाब दिया कि इंजी. स्याल को जारी की गई चार्जशीटों की फाइलें विभाग में उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए इस की सूचना नहीं दी जा सकती। इस से स्पष्ट होता है कि विभाग ने जानबूझ कर इंजी. स्याल को प्रमोशन देने के लिए ये फाइलें गुम कीं।  सवाल यह खड़ा होता है कि -ये फाइलें कहां गईं? यदि फाइलें गुम हुई हैं तो संबंधित कर्मचारियों/अधिकारियों खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करवाई गई? जानकारी अनुसार इंजी. स्याल को जिन दोषों में चार्जशीट किया गया है, उन दोषों में ही उसके साथ 2 अन्य अधिकारियों को चार्जशीट किया गया था, उन दोनों की प्रमोशनें इसलिए नहीं की गईं क्योंकि चार्जशीटें पैंङ्क्षडग हैं। 

 इंजी. स्याल के खिलाफ विजीलैंस केस भी है दर्ज 
सूत्रों के अनुसार इंजी. स्याल नियमों को ताक पर कर और विभाग से चार्जशीटों वाले तथ्य छिपा कर हासिल की गई प्रमोशन के मामलों में विभाग के पास कई शिकायतें चल रही हैं। इस संबंधी जांच जारी है। यह भी पता लगा है कि इंजी. स्याल के खिलाफ विजीलैंस केस भी दर्ज है। ऐसे हालातों में यदि एक दागी अधिकारी को एक्सटैंशन दी जाती है तो इस का प्रभाव पंजाब के सभी विभागों पर पड़ेगा क्योंकि ज़्यादातर अफसर एक्सटैंशन लेना चाहते हैं जिससे 2 साल अधिक नौकरी कर सकें।  परन्तु जब सरकार ने एक्सटैंशन पालिसी बनाई थी उसमें स्पष्ट लिखा गया है कि किसी भी चार्जशीट वाले या केस वाले अफसर या मुलाजिम को एक्सटैंशन नहीं दी जा सकती, जिस करके सरकार के अलग-अलग विभाग समय-समय पर एक्सटैंशनें कैसे रद्द कर देते हैं। यदि यह परमोशन कर दी गई तो समूचे सरकारी विभागों के लिए एक नई समस्या खड़ी हो जाएगी और पंजाब सरकार के विभागों के कोर्ट केस बढ़ जाएंगे।


 


 

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