Lockdown के बावजूद शिमला से दुल्हन लेकर जालंधर पहुंचा युवक

punjabkesari.in Thursday, May 07, 2020 - 09:28 AM (IST)

जालंधर(खुराना): चीन के छोटे से शहर वुहान से शुरू हुए कोरोना वायरस ने इस समय विश्व के 200 से ज्यादा देशों के अरबों लोगों को प्रभावित कर रखा है और भारत में भी 100 करोड़ से ज्यादा लोगों को लाकडाउन व कर्फ्यू के चलते फिछले करीब 40 दिनों से घरों में बंद रहना पड़ रहा है।

ऐसी स्थिति में जब ट्रांसपोर्ट तथा आवाजाई के सभी साधन बंद पड़े हैं। जालंधर के एक युवक ने हिमाचल में सात फेरे लेकर और शिमला से जालंधर अपनी नवविवाहित पत्री को लाकर अपनी जीवन की नई शुरुआत की है। जानकारी के अनुसार स्थानीय किशनपुरा में मोबाइल और पार्सल डिलीवरी का काम करने वाले अगम शर्मा की शादी कई माह पहले शिमला निवासी सुशील शर्मा व सुनीता शर्मा की पुत्री ममता शर्मा संग तय हुई थी और 4 मई को शादी निर्धारित थी। ममता शर्मा के पिता शिमला के आगे स्थित नालदेहरा के निकट तत्तापानी रोड पर स्थित गांव जबड़ में रेस्ट हाउस चलाते हैं । मार्च महीने में जब कोरोना वायरस के कारण पूरे भारत में लॉकडाउन लगा दिया गया तो दोनों परिवारों ने पहले तो तय किया कि शादी को स्थगित कर दिया जाए परंतु जब उन्होंने महसूस किया कि यह लॉकडाउन अभी लंबा चलेगा और वायरस का प्रभाव भी रहेगा इसलिए दोनों परिवारों ने निर्धारित समय पर शादी आयोजित करने के प्रयास शुरू कर दिए। 

इन प्रयासों के तहत लड़की के पिता ने एस.डी.एम. शिमला के पास आवेदन किया और आवेदन को मंजूरी प्रदान करते समय प्रशासनिक अधिरापियों ने अत्यंत कड़ी शर्तें रखी, जिनमें मेहमानों की सैनेटाइजेशन, बास्क की अनिवार्यत, सोशल डिस्टैंसिग का पालन इत्यादि शामिल था। लड़की वालों की पहल को देख  लड़के के पिता  सुनील दत्त शर्मा और माता रेनू शर्मा ने भी जालंधर के एस.डी.एम. जय इंद्र सिंह से संपर्क किया और उन्हें ऑनलाइन आवेदन दिया। एक मई को इस परिवार को पुलिस कमिश्नर जालंधर पक्ष की ओर से जारी किया गया 3 लोगों का ई पास मिला, जिसके तहत केवल दूल्हा व उसका पिता और भाई ही एक गाड़ी में शिमला जा सकते थे। अगम ने बताया कि वह 3 मई को प्रात: 5 बजे अपने पिता और भाई को लेकर शिमला की ओर रवाना हुआ परंतु रास्ते में जगह जगह पुलिस जांच और नाकों का सामना करना पड़ा। होशियारपुर, एमुबारकपुर एअम्बए नादौन एहमीरपुर बिलासपुर एधौलाधार एवसंतपुर और अन्य जगहों पर नाकों को पार करके वह तीनों देर रात तक गांव जबढ़ पहुंच गए।4 मई को वहां शादी की रस्में साधारण ढंग से निभाई गई और 5 मई को सुबह 8 बजे डोली की विदाई हुई और देर रात यह परिवार दुल्हन को लेकर जालंधर वापस पहुंच गया। दोनों परिवारों के अलावा दूल्हे के चाचा संजीव शर्मा और रेलवे रोड के कारोबारी यादव खोसला ने इस सुखद आयोजन के लिए शिमला तथा जालंधर के प्रशासनिक अधिकारियों का आभार व्यक्त किया।
 

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