पानी के मुद्दे को लेकर लोक इंसाफ पार्टी का प्रदर्शन,समर्थकों सहित बैंस हिरासत में

punjabkesari.in Wednesday, Jul 03, 2019 - 02:14 PM (IST)

  चंडीगढ़ (रमनजीत) : लोक इंसाफ पार्टी के प्रधान सिमरजीत सिंह बैंस की अगुवाई में कार्यकत्र्ताओं ने रोष प्रदर्शन किया। राजस्थान को दशकों से मुफ्त में पानी दिए जाने का बिल वसूलने या पानी रोकने की मांग मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह तक पहुंचाने के लिए प्रदर्शनकारियों ने सी.एम. रिहायश की तरफ कूच किया लेकिन चंडीगढ़ पुलिस ने बलपूर्वक रोक लिया और पानी की बौछारों से खदेड़ दिया। इस संघर्ष के दौरान कुछ पत्रकारों को भी चोटें लगीं। 

लोक इंसाफ पार्टी राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली को पंजाब की नहरों से दिए जा रहे पानी की रॉयलटी वसूलने का मुद्दा काफी समय से उठा रही है। पूर्व सरकार के समय भी बैंस बंधुओं ने विधानसभा सत्र दौरान मामला उठाया था। कैप्टन सरकार बनने के बाद भी विधानसभा में कई बार मामले को लेकर बैंस बंधु आवाज उठा चुके हैं। शिअद-भाजपा सरकार के समय विधानसभा में प्रस्ताव भी पारित हो गया था लेकिन उसके बाद कार्रवाई नहीं हुई।  मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र को राजस्थान से पानी की रॉयलटी वसूलने संबंधी मांग पत्र सौंपने के लिए बजिद लोक इंसाफ पार्टी प्रधान सिमरजीत सिंह बैंस और अन्य समर्थकों ने जब पानी की बौछारों को लांघते हुए आगे बढऩे का प्रयास किया तो 136 कार्यकत्र्ताओं सहित विधायक सिमरजीत सिंह बैंस को हिरासत में ले लिया, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया।
 

 

सिमरजीत सिंह बैंस ने कहा कि मसले के साथ कोई अमन और कानून को खतरा नहीं होना था। पुलिस की बौछारों को गैर-जरूरी बताते हुए कहा कि न सिर्फ पार्टी वर्करों को चोटें लगी हैं, बल्कि पत्रकारों को भी जख्मी हुए देखा गया है। बैंस ने कहा कि चंडीगढ़ पुलिस सबसे ज्यादा कानून मुताबिक काम करने वाली एजैंसी मानी जाती थी, परंतु उसका चेहरा भी बेनकाब हो गया है। उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को कहा था कि कानून मुताबिक 3 या 4 व्यक्ति मुख्यमंत्री रिहायश पर मांगपत्र दे आएंगे, इस दौरान भीड़ आगे नहीं जाएगी। उसके लिए भी वरिष्ठ अधिकारी तैयार नहीं हुए और कई बार कहने के बावजूद कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। बैंस ने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जैसे चंडीगढ़ पुलिस को लगता है कि बैंस के मांग पत्र में कोई बम है जो मुख्यमंत्री रिहायश पर फट जाएगा। बैंस ने आरोप लगाया कि लोकतंत्र में डंडे की मदद से लोगों की आवाज को दबाने का दौर चल रहा है।

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