Lok Sabha Election 2019:पंजाब के कांग्रेसी सांसदों पर लटकी टिकट कटने की तलवार

punjabkesari.in Wednesday, Feb 06, 2019 - 11:08 AM (IST)

जालंधर(चोपड़ा): आगामी लोकसभा चुनावों में पंजाब में कांग्रेस से संबंधित मौजूदा सांसदों की टिकटों पर तलवार लटक गई है । इससे राजनीतिक गलियारों में उन चर्चाओं को विराम लग गया है कि हाईकमान ने मौजूदा सांसदों सुनील जाखड़ (गुरदासपुर), रवनीत बिट्टू (लुधियाना), गुरजीत सिंह औजला (अमृतसर), संतोख सिंह चौधरी (जालंधर) की टिकट को फाइनल कर दिया है। पर ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के प्रधान राहुल गांधी के नए निर्देशानुसार अब इन संसदों की कारगुजारियों के आधार पर ही पार्टी उन्हें टिकट देगी। 

बैठकों का दौर शुरू

इसी कड़ी में पंजाब कांग्रेस मामलों की प्रभारी आशा कुमार ने 8 फरवरी को गुरदासपुर, लुधियाना, अमृतसर व जालंधर जिलों से सबंधित मंत्रियों, विधायकों, जिला कांग्रेस प्रधानों, पूर्व विधायकों सहित अन्य नेताओं की चंडीगढ़ में बैठक बुला ली है, जिसमें चारों सांसदों के कार्यशैली व उनके किए कार्यों पर मंथन होगा। जिक्रयोग है कि पंजाब प्रदेश कांग्रेस ने विगत दिनों में प्रदेश के सभी 13 लोकसभा हलका से संबंधित नेताओं के साथ अलग-अलग तौर पर चरणबद्ध बैठकें करने का दौर शुरू किया था। 

सासंदों के कार्यों की होगी समीक्षा

इस दौरान लोकसभा हलकों में कांग्रेस की मौजूदा स्थिति का मूल्यांकन किया गया। पंजाब के 9 लोकसभा हलकों के नेताओं के साथ मीटिंगें तो करवाई जा चुकी थीं परंतु मौजूदा सांसदों से संबंधित जिलों को इसलिए छोड़ दिया गया था कि अगर सीटिंग सांसदों को पुन: टिकटें देने पर फैसला हो चुका है तो फिर उक्त हलकों के नेताओं के साथ बैठकों की कवायद का क्या औचित्य रह जाता है। इस कारण इन चारों जिलों की बैठकों को फाइनल करने के बाद 2 बार कैंसिल किया जा चुका था। पर राहुल ने नए निर्देशों में स्पष्ट कर दिया है कि चाहे किसी भी लोकसभा क्षेत्र में सांसद हो परंतु उसके कार्यों की समीक्षा जरूर की जाए।

रिपोर्ट के आधार पर पार्टी सुनाएगी फैसला

बैठक की रिपोर्ट के आधार पर ही पार्टी उम्मीदवार पर अपना फैसला करेगी और पार्टी द्वारा निर्धारित किए गए प्रोसैस की पाइपलाइन से गुजरने के बाद ही किसी का नाम फाइनल होगा। कांग्रेस दिल्ली दरबार के सूत्रों की मानें तो हाईकमान के इस स्टैंड ने क्लीयर कर दिया है कि मौजूदा सांसदों की कारगुजारियों को देखकर ही उन्हें टिकटों से नवाजा जाएगा और केवल जीतने की क्षमता रखने वाले मौजूदा सांसदों को ही टिकटें दी जाएंगी। चाहे पंजाब के चारों मौजूदा सांसद पुन: टिकट लेने में कामयाबी हासिल कर लें परंतु लोकसभा हलकों के बदलने अथवा टिकट कटने की तलवार तब तक लटकती रहेगी जब तक पार्टी उम्मीदवारों की फाइनल सूची जारी न हो जाए। 

जाखड़, बिट्टू, औजला व चौधरी  को घर में मिल रही है चुनौती

पंजाब के मौजूदा सांसदों को लोकसभा चुनावों में उनके घर में चुनौती मिल रही है और कईं दिग्गज नेता उनके स्थान पर हाईकमान से टिकट पाने को लेकर अपने दावे जता चुके है। सुनील जाखड़ जोकि गुरदासपुर लोकसभा उपचुनाव जीत कर सांसद बने है वहां से पंजाब प्रदेश कांग्रसे के पूर्व प्रधान व राज्य सभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा टिकट के चाहवान है। 2014 के लोकसभा चुनावों में मौजूदा सांसद मुनीश तिवाड़ी ने चुनाव लडने से इंकार कर दिया था जिस कारण लुधियाना से कांग्रेस ने रवणीत बिट्टू पर दांव खेला था। अब तिवाड़ी में एक बार फिर से लुधियाना से चुनाव लडने की इच्छा जागृित हो रही है। कै. अमरेन्द्र के सांसद पद छोडने के उपरांत हुए उपचुनाव में पार्टी ने गुरजीत सिंह ओजला को चुनाव मैदान में उतारा था परंतु अब नवजोत सिद्धू परिवार चंड़ीगढ़ के साथ-साथ अमृतसर से चुनाव लडऩा चाहता है। इसी प्रकार जालंधर के मौजूदा सांसद मोहिन्द्र सिंह के.पी. को 2014 के चुनावों में होशियारपुर चुनाव लड़वाया गया था ।

 उनके स्थान पर फिल्लौर विधानसबा हलका से 3 बार चुनाव हार चुके संतोख चौधरी को कांग्रेस ने प्रत्याक्षी बनाया था परंतु 2019 के चुनावों में मोहिन्द्र सिंह के.पी के साथ वैस्ट हलका से मजबूत दलित नेता को तौर पर उभरे विधायक सुशील रिंकू ने टिकट हासिल करने को लेकर अपनी मुहिम चला रखी है। हाईकमान के पहले के फैंसले से कुछ हद तक ठंड़े पड़ चुके टिकट मुकाबले को एक बार फिर से गर्मा दिया है और मीटिंगों के फाईनल होने के बाद मौजूदा सांसदों व अन्य दावेदारों में जोर अजमाईश की मैराथन फिर से शुरू हो जाएगी  

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