माफिया राज पर बजेगा लोकसभा का चुनावी साज

punjabkesari.in Thursday, Mar 14, 2019 - 11:26 AM (IST)

चंडीगढ़(अश्वनी): लोकसभा चुनाव की गहमागहमी के साथ ही पंजाब के सियासी अखाड़े में माफिया राज का चुनावी साज भी बजने लगा है। पहले लोक इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष सिमरजीत सिंह बैंस ने ड्रग माफिया को लेकर सवाल उठाए तो अब पंजाब एकता पार्टी के अध्यक्ष सुखपाल खैहरा ने लुधियाना के जमीन घोटाले को हवा देते हुए कैबिनेट मंत्री के इस्तीफे की मांग दोहरा दी है। विरोधी सियासी दलों के लिए फायदेमंद स्थिति यह है कि खुद कांग्रेस ने 2017 के चुनावी घोषणा पत्र में 7 तरह के माफिया का उल्लेख करते हुए इनके खात्मे का ऐलान किया था। तब कांग्रेस ने कहा था कि सत्ता में आते ही प्रदेश की बुनियाद को मजबूत करेगी और भ्रष्टाचार मुक्त पंजाब का सपना साकार करेगी। 

इसके उलट 2 साल के कार्यकाल में अब तक खनन मामले में कांग्रेस के एक कैबिनेट मंत्री को कुर्सी गंवानी पड़ चुकी है। वहीं मौजूदा समय में एक मंत्री जमीन घोटाले के आरोपों में घिरे हुए हैं। इसलिए चुनावी बिगुल बजते ही कांग्रेस के सामने खड़े सियासी दलों ने माफिया राज पर चुनावी साज बजाना चालू कर दिया है।

माफिया विरोधी घोषणा पत्र पर सवाल 
कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में नशा माफिया, खनन माफिया, शराब माफिया, भू-माफिया, केबल माफिया, ट्रांसपोर्ट माफिया, लॉटरी माफिया के खात्मे का ऐलान किया था। लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से अब तक सियासी दल नशा माफिया और भू-माफिया पर सीधे सरकार को घेर चुके हैं। इससे पहले शिअद भी सरकार को शराब माफिया, खनन माफिया पर घेरता रहा है। ऐसे में शिअद की चुनावी रैलियों में शराब माफिया और खनन माफिया का जिक्र होना तय है। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो बेशक शिअद के लिए घोषित 7 माफिया राज पर पलटवार करने के लिए कुछ चुनिंदा मामले ही हैं, लेकिन ‘आप’, लोक इंसाफ पार्टी, टकसाली अकाली, पंजाबी एकता पार्टी व अन्य राजनीतिक दल सभी तरह के माफिया राज विरोधी स्वर बुलंद कर मतदाताओं को रिझाने का प्रयास करेंगे। 

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