इतिहास के पन्नों से: ...जब पंजाब में साफ हो गया था कांग्रेस का सूपड़ा

punjabkesari.in Tuesday, Mar 19, 2019 - 09:25 AM (IST)

जालंधर (नरेश कुमार): पंजाब विधानसभा में इस समय कांग्रेस ऐतिहासिक बहुमत के साथ सत्ता में है और पार्टी द्वारा राज्य की सभी 13 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने के लक्ष्य के साथ काम किया जा रहा है लेकिन लोकसभा चुनाव के इतिहास में एक ऐसा दौर भी आया था जब कांग्रेस का पंजाब में सूपड़ा साफ हो गया था और पार्टी राज्य की 13 में से 1 भी सीट नहीं जीत पाई थी।

1977 के उस चुनाव में अकाली दल ने 9, भारतीय लोकदल ने 3 और सी.पी.एम. ने एक सीट जीती थी और कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल सका था। यह चुनाव 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा देश में लगाए आपातकाल के बाद हुए थे और देश में कांग्रेस के प्रति लोगों में गुस्से की लहर थी। इस गुस्से की लहर के चलते कांग्रेस पंजाब में अपने प्रभाव वाली उन सीटों पर भी चुनाव हार गई थी जिसमें उसे 1971 के चुनाव में जीत हासिल हुई थी।

1971 के चुनाव में कांग्रेस पंजाब की 10 सीटों पर चुनाव जीती थी और फिरोजपुर, तरनतारन, अमृतसर, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, फिल्लौर, लुधियाना, पटियाला व रोपड़ सीटों पर इसके उम्मीदवार विजयी रहे थे जबकि 1977 के चुनाव में पूरे देश में कांग्रेस का बुरा हाल हुआ था और पार्टी पहली बार सत्ता से बाहर हुई थी। इस चुनाव दौरान कांग्रेस को देश भर में 154 सीटें हासिल हुई थीं और उसे 34.52 फीसदी वोट मिले थे।

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