इतिहास के झरोखे से: 5 पिता-पुत्र चढ़े लोकसभा की सीढ़ियां

punjabkesari.in Friday, Apr 05, 2019 - 10:00 AM (IST)

लुधियानाः पंजाब में लोकसभा मतदान का बिगुल बजा हुआ है पर इस चुनाव के चलते यादों के झरोखे में कई ऐसी बातें सामने आ रही हैं जिनको सुन और पढ़ कर हैरानी भी होती है और यह राजनीतिक संयोग भी लगता है। हम आज बात कर रहे हैं पंजाब में उन पिता-पुत्रों की जो समय-समय पर सांसद बने और लोकसभा की सीढिय़ां चढ़े। 

फिरोजपुर से श्री बलराम जाखड़ कांग्रेस टिकट पर 1980 में एम.पी. बने। पिता के रास्ते पर चलते हुए उनके पुत्र सुनील जाखड़ गुरदासपुर से 2014 में एम.पी. बने। माझा में अकाली दल के दिग्गज नेता जत्थेदार मोहन सिंह रट तरनतारन से एम.पी. रहे और बाद में उनके पुत्र तरलोचन सिंह रट भी इस हलके से एम.पी. बने। 

इसी कड़ी में 1977 में प्रकाश सिंह बादल ने फरीदकोट संसदीय क्षेत्र से अकाली दल की टिकट पर चुनाव लड़ा और सांसद बने। फिर उनके पुत्र सुखबीर बादल 1998-99 इसी हलके से चुनाव लड़े और विजेता हुए। 

इसी तरह होशियारपुर से चौधरी बलवीर सिंह एम.पी. रहे और बाद में उनके पुत्र कमल चौधरी ने होशियारपुर से एम.पी. बनकर अपने पिता की तरफ से दी गई सियासी विरासत को आगे चलाया। इन्द्र कुमार गुजराल जालंधर से एम.पी. बनकर देश के प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे।


बाद में उनके पुत्र नरेश गुजराल जालंधर से एम.पी. बने। आपको यह भी बता दें कि जालंधर से एम.पी. रहे स्वर्ण सिंह लंबे समय तक केंद्रीय मंत्री रहे। उनके बेटा न होने पर उन्होंने अपने भतीजे बलवीर सिंह को प्रोत्साहित किया जो जालंधर से एम.पी. बने और अन्य बड़े पदों पर भी रहे। 


 

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