फरीदकोट उपचुनाव के लिए टिकट न देने पर खिंची थी बादल व बराड़ परिवार में सियासी लकीर

punjabkesari.in Friday, Apr 19, 2019 - 08:46 AM (IST)

मलोट(जुनेजा): गत कई दिनों से जगमीत सिंह बराड़ की अकाली दल में शमूलियत के कयास उस समय खत्म हो गए जब खुद बराड़ ने अकाली दल में शामिल होने संबंधी सोशल मीडिया पर ऐलान कर दिया। गत 39 सालों से अकाली दल व विशेषकर पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के साथ टक्कर लेने वाले निधड़क नेता जगमीत सिंह बराड़ की अकाली दल में शमूलियत को उनकी घर वापसी के रूप में भी देखा जा रहा है। बेशक खुद जगमीत बराड़ ने अपनी सियासी जिंदगी में 9 चुनाव अकाली दल विरुद्ध लड़े। इनमें से 2 विधानसभा व 3 सांसद चुनाव तो प्रकाश सिंह बादल व सुखबीर सिंह बाद के विरुद्ध लड़े और एक बार सुखबीर सिंह बादल को हराया भी।

जगमीत सिंह बराड़ के परिवार का अकाली दल से रहा है संबंध
जगमीत सिंह बराड़ का पारिवारिक संबंध अकाली दल से है। जगमीत सिंह बराड़ के पिता गुरमीत सिंह बराड़ अपनी जिंदगी की आखिरी सांस तक अकाली दल में रहे। वह पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के अति नजदीकी और रिश्तेदार भी थे। उन्होंने सबसे पहले 1957 में बाघापुराना से विधायक का चुनाव जीता था और उसके बाद 1962, 1967, 1969 में वह मलोट से अकाली दल के उम्मीदवार के रूप में विधायक बने व पंजाब सरकार में डिप्टी मंत्री भी रहे लेकिन 1972 से मलोट व 1977 में श्री मुक्तसर साहिब से हरचरन सिंह बराड़ के पारिवारिक सदस्य से हार गए। 1977 में देश में कांग्रेस विरोधी लहर के बावजूद भले वह मामूली अंतर से हार गए लेकिन रा’य में प्रकाश सिंह बादल की अध्यक्षता वाली अकाली सरकार बनी। 

बराड़ के पारिवारिक मित्र वेद प्रकाश खेड़ा व अन्य जानकारों ने बताया कि 1977 में राज्य के मुख्यमंत्री बने प्रकाश सिंह बादल उस समय तक केन्द्र में खेतीबाड़ी मंत्री थे, लेकिन रा’य सरकार के मुखी बनने के कारण उनके द्वारा सांसद की खाली की फरीदकोट की सीट पर उपचुनाव होना था।गुरमीत सिंह बराड़ जो विधानसभा चुनाव हार चुके हैं, ने मुख्यमंत्री बादल के पास फरीदकोट से लोकसभा चुनाव लडऩे की इच्छा जाहिर की लेकिन सूत्रों के अनुसार बादल ने वायदा कर फरीदकोट उपचुनाव की टिकट बलवंत सिंह रामूवालिया को दे दी। यह राजसी झटका गुरमीत सिंह बराड़ के लिए असहनीय व जानलेवा साबित हुआ जिसके बाद बराड़ परिवार व बादल परिवार में सियासी लकीर ङ्क्षखच गई और जगमीत सिंह बराड़ ने अपना सियासी जीवन कांग्रेस पार्टी में शुरू किया। अब बेशक जगमीत सिंह बराड़ कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों में होते हुए अकाली दल में शामिल होने जा रहे हैं लेकिन उनके पारिवारिक संबंध की ओर देखें तो एक तरह उनकी घर वापसी समझी जाएगी।

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