सन्नी देओल के पैतृक गांव में रोष, जो अपनी जड़ों को भूल गया वह गुरदासपुर की कैसे सेवा करेगा ?

punjabkesari.in Tuesday, May 07, 2019 - 09:45 AM (IST)

जालंधर(धवन): गुरदासपुर लोकसभा सीट के लिए भाजपा उम्मीदवार बनने के बाद चाहे फिल्म अभिनेता सन्नी देओल लगातार इलैक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया की सुर्खियों में बने हुए हैं, परन्तु अजय सिंह देओल उर्फ सन्नी देओल के लिए उनके पैतृक गांव डैंगो जोकि फतेहगढ़ साहिब लोकसभा सीट में आता है, में परिस्थितियां कुछ भिन्न ही दिखाई दे रही हैं। इस गांव के लोग फिल्म अभिनेता को उम्मीदवार बनाए जाने से अधिक उत्साहित नहीं हैं।

उनके अंदर इस बात को लेकर गुस्सा है कि देओल अभिनेता बनने के बाद अपने पैतृक गांव में नहीं आए।  गुरदासपुर के लोगों को सन्नी देओल को वोट न देने का आग्रह करते हुए गांव के सरपंच अमृतपाल सिंह जिनका निक नेम सन्नी के छोटे भाई बॉबी देओल की तरह बॉबी ही है, ने कहा कि ‘‘जेड़ा अपने पिंड दा नहीं होया, अपनी जड़ां नूं भुल गया, ओ गुरदासपुर दा किवें हो जावेगा।’’ सरपंच ने कहा कि वह 2013 में दीपावली के दिन देओल के पिता व अभिनेता धर्मेन्द्र को गांव लाने के लिए गया था। उनके मन में यह विचार था कि शायद धर्मेन्द्र गांव में स्टेडियम की स्थापना में मदद कर सकेंगे, परन्तु उन्होंने कोई मदद नहीं की। गांववासियों ने कहा कि धर्मेन्द्र के पास गांव में 2.5 एकड़ जमीन थी परन्तु उन्होंने यह अपने निकट संबंधी को 2016 में दे दी।

गांव वाले यह जमीन स्टेडियम के लिए मांग रहे थे। एक अन्य निवासी सुख जीवन सिंह ने कहा कि गांव ने 2014 लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के पक्ष में मतदान किया था, परन्तु अब अब आम आदमी पार्टी का कोई आधार नहीं है। लोग अब कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने का मन बनाए बैठे हैं। उन्होंने कहा कि गांव के कुछ नौजवानों ने बालीवुड में यह सोच कर किस्मत आजमाने का प्रयास किया था कि धर्मेन्द्र उनकी मदद करेंगे परन्तु उन्होंने कोई मदद नहीं की।  धर्मेन्द्र के रिश्तेदार शिंगारा सिंह जिन्हें धर्मेन्द्र ने जमीन दी थी, ने कहा कि वह तो गुरदासपुर में अभियान मे शामिल होने के लिए जाएगा, आगे देखते हैं क्या होता है। उन्हें निमंत्रण की जरूरत नहीं है।दूसरी तरफ गांव वालों का कहना था कि धर्मेन्द्र जब 3 वर्ष का था, तो गांव छोड़ कर चला गया था, कई दशकों तक धर्मेन्द्र ने गांव की तरफ रुख ही नहीं किया। 2013 में वह गांव में अवश्य आए थे, पर उसके बाद फिर गांव से किनारा कर लिया। गांव के ही गुरमेल सिंह ने कहा कि सन्नी की उम्मीदवारी से कोई फर्क नहीं पड़ता। गुरदासपुर तो यहां से बहुत दूर है। 

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