पंजाब डेमोक्रेटिक अलायंस ने की लोकसभा चुनाव के लिए 12 उम्मीदवारों की घोषणा

punjabkesari.in Monday, Mar 11, 2019 - 08:05 PM (IST)

चंडीगढ़: पंजाब डेमोक्रेटिक अलाइंस (पीडीए) ने लोकसभा चुनावों के लिए राज्य की तेरह सीटों में से बारह पर उम्मीदवारों की आज घोषणा कर दी। यह जानकारी पंजाब एकता पार्टी के अध्यक्ष एवं आम आदमी पार्टी से अलग हुए विधायक सुखपाल खैहरा ने गठबंधन की ओर से आज यहां दी । छह दलों की आज यहां चुनावी मंथन के लिए बैठक हुई जिसमें सर्वसम्मति से बारह सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किया। 

 

उन्होंने कहा कि गठबंधन में पंजाब एकता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, लोक इंसाफ पार्टी, पंजाब मंच, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और मंगतराम पासला के नेतृत्व वाली आरएमपीआई शामिल है। उन्होंने कहा कि गठबंधन अकाली दल-भाजपा गठबंधन, सत्तारूढ़ कांग्रेस का विकल्प बनकर तीसरी ताकत के रूप में उभरेगा। बसपा को आनंदपुर साहिब, जालंधर और होशियारपुर, पंजाब एकता पार्टी को बठिंडा, फरीदकोट और खडूर साहिब लोक इंसाफ पार्टी को लुधियाना, अमृतसर तथा फतेहगढ़ साहिब, पंजाब मंच को पटियाला, सीपीआई को फिरोजपुर और आरएमपीआई को गुरदासपुर सीटें दी गई हैं। 

खैहरा के अनुसार पटियाला लोकसभा सीट से डा. धर्मवीर गांधी, खडूर साहिब से बीबी परमजीत कौर खालडा, फतेहगढ़ साहिब से मनविंदर सिंह ग्यासपुरा, फरीदकोट से मास्टर बलदेव सिंह जैतो, आनंदपुर साहिब से विक्रम सिंह सोढी , होशियारपुर से रिटायर्ड आईएएस खुशीराम, जालंधर बलविंदर कुमार उम्मीदवार होंगे। खैहरा ने कहा कि पंजाब को भ्रष्ट परंपरागत पार्टियों अकाली-भाजपा, कांग्रेस के शिकंजे से मुक्त कराने के लिए गठबंधन करना पड़ा। इन प्रमुख दलों ने पंजाब को दशकों से जमकर लूटा। इन दलों के कुशासन के कारण राज्य पर ढाई लाख करोड़ का कर्जा है। 
 

किसानों तथा खेत मजदूरों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। युवाओं को रोजगार नहीं, किसान आत्महत्यायें कर रहे हैं। नशे का बोलबाला है, व्यापारी और उद्योगपति केन्द्र की नीतियों के मारे उठ नहीं पा रहे हैं। राज्य में हर तरह का माफिया राज कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार की जड़ें मजबूत हो गई हैं तथा शिक्षा, स्वास्थ्य का हाल खराब है। कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है तथा जंगलराज कायम है। कर्मचारियों, दलितों और कमजोर वर्ग की कोई सुनने वाला नहीं। सभी कैप्टन अमरेंद्र सिंह तथा बादलों जैसे नेताओं के सताये हुए हैं। सभी लोग निराश हैं। वे इन पार्टियों के विकल्प की तलाश में हैं और लोकसभा चुनाव में गठबंधन उन्हें नया विकल्प देगा।

 

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